Punjab media news : किसान आत्महत्या को लेकर शिवसेना UBT ने अपने सामना संपादकीय में सरकार पर हमला बोला है। लेख में कहा गया कि बुलढाणा जिले के एक युवा किसान कैलास अर्जुनराव नागरे की आत्महत्या ने फिर से दिखाया है कि कृषि और किसानों के मामले में राज्य में मौजूदा हुक्मरान किस हद तक गैंडे की खाल की तरह हैं। कैलास नागरे ने ऐन होली के दिन जहर खाकर अपनी जीवन लीला समाप्त कर ली। कैलास नागरे की लड़ाई आसपास के किसानों को खेती के लिए पानी दिलाने के लिए थी। उनकी मांग थी कि आसपास के किसानों को खड़कपूर्णा बांध की बाईं नहर से पानी मिलना चाहिए। इसके लिए वे कई महीनों से संघर्ष कर रहे थे। सरकारी मशीनरी और शासक केवल खोखले वादे करके समय काट रहे थे। वादा करके भी नहीं निभाना ऐसा रवैया सिर्फ प्रशासन का ही नहीं, बल्कि जिले के पालक मंत्री का भी था। किसान हित की बात करनेवाले मौजूदा शासकों की ऐसी ही धोखाधड़ी के चलते पिछले 3 वर्षों में किसानों की आत्महत्याएं चरम सीमा पर पहुंच गई हैं।

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