Punjab media news :– जालंधर के आम आदमी पार्टी के विधायक रमन अरोड़ा के साथ विजिलेंस कोई रियायत नहीं बरत रही। सीएम भगवंत मान ने गिरफ्तारी के बाद कह दिया था कि अपना हो या बेगाना किसी को नहीं बख्शेंगे। सरकार की मंशा और विजिलेंस के एक्शन के बयान करती विधायक रमन अरोड़ा की एक तस्वीर वायरल हुई है, जिसमें वह कुर्सी पर सो रहे हैं।
गिरफ्तारी के बाद कोर्ट में हंसते हुए पेश हुए रमन अरोड़ा अब परेशान नजर आ रहे हैं। एक दिन पहले रात को उन्हें तीन बार अस्पताल ले जाया गया था। अगर पुलिस या विजिलेंस किसी विधायक को गिरफ्तार करती है तो उसके लिए प्रोटोकाल है, सरकार चाहे तो विधायक को विशेष सुविधा दी जा सकती है। मगर विधायक की वायरल तस्वीर और उनकी हालत देखकर साफ स्पष्ट है कि उनके साथ कोई रियायत नहीं बरती जा रही।
पुलिस नेटवर्क भी ब्रेक
सैंट्रल हलके में थाना 2, 4, न्यू बारादरी और रामामंडी में जहां विधायक रमन अरोड़ा और उनकी समधी राजू मदान के फोन पर एक्शन होता था, सरकार ने रमन अरोड़ा के करीबी पुलिस वालों पर शिकंजा कस दिया है। थाना 2 के एसएचओ गुरप्रीत सिंह (एसआई) को लाईन हाजिर कर दिया गया है। वह विधायक रमन अरोड़ा के करीबी थे और सोशल मीडिया पर भी विधायक के साथ उनकी तस्वीरें वायरल हैं।
गुरप्रीत की तैनाती में रमन अऱोड़ा की सिफारिश थी। करीब 28 महीने बतौर एस.एच.ओ. ड्यूटी करने वाले गुरप्रीत सिंह 3 बार अलग अलग समय पर थाना 2 के एसएचओ रहे। नई पुलिस कमिश्नर धनप्रीत कौर ने एस.आई. जसविंदर सिंह गिल को थाना 2 की कमान सौंपी है। पुलिस कमिश्नर धनप्रीत कौर ने साफ शब्दों में सभी एस.एच.ओ. को आदेश जारी कर दिए है कि पंजाब के मुख्यमंत्री भगवत मान के आदेशों के तहत बिना किसी सिफारिश के पीड़ित लोगों को पहल के आधार पर थाना स्तर पर ही इंसाफ दिया जाए। यदि किसी भी मामले में एस.एच.ओ. की लापरवाही सामने आती है तो वह सहन नही करेंगी।
विधायक पर एक्शन का प्रोटोकाल
पंजाब में अगर विजिलेंस ब्यूरो किसी विधायकको गिरफ्तार करती है, तो उसे हिरासत में रखने और उससे जुड़ी प्रक्रिया भारतीय दंड प्रक्रिया संहिता और पंजाब विधानसभा के नियमों के अनुसार संचालित होती है। कुछ विशेष संवैधानिक प्रोटोकॉल भी लागू होते हैं। संविधान के अनुच्छेद 194 के तहत अगर विधानसभा का सत्र चालू हो या प्रस्तावित हो तो गिरफ्तारी से पहले और बाद में स्पीकर को सूचना देना अनिवार्य होता है।
गिरफ्तारी के बाद अधिकतम 24 घंटे के भीतर मजिस्ट्रेट के सामने पेश करना अनिवार्य होता है, जैसे रमन अरोड़ा को पेश किया गया। विजिलेंस को यदि पूछताछ के लिए हिरासत चाहिए तो मजिस्ट्रेट से पुलिस रिमांड (max 15 days) लेनी होती है। रमन अरोड़ा का रिमांड दस दिन मांगा गया था, जो पांच दिन मिला।
यदि विधायक को न्यायिक हिरासत (जेल) भेजा जाता है, तो उन्हें सामान्य अपराधियों से अलग रखा जाता है। सुरक्षा और गरिमा की दृष्टि से उन्हें “सेपरेट बैरक” या विशेष सुविधा दी जा सकती है। आरोपी के मानवाधिकार, चिकित्सा सुविधा, वकील से मिलने का अधिकार रहता है, जैसे कि रमन अरोड़ा को दिया जा रहा है।
बीते दिन बिगड़ी थी तबियत
विजिलेंस रिमांड पर चल रहे आम आदमी पार्टी के विधायक रमन अरोड़ा की अचानक तबियत बिगड़ गई। उन्हें चेकअप के लिए सिविल अस्पताल लाया गया, जहां इलाज के बाद विजिलेंस उन्हें वापस साथ ले गई। बीपी बढ़ने की शिकायत के चलते दोबारा रमन अरोड़ा का चेकअप करवाया गया। जिसके बाद डॉक्टरों द्वारा रमन अरोड़ा को चैकअप के बाद भेज दिया गया। इस दौरान मीडिया से बात करते हुए रमन अरोड़ा ने खुद बताया कि वह ठीक हैं।
जिन्होंने वोट दिया, उन्हीं से वसूले पैसे
रमन अरोड़ा अक्सर सोशल मीडिया पर शहर में दौरों की रील सोशल मीडिया पर डाला करते थे। हर दिन किसी न किसी प्रोग्राम में शामिल होते थे। पर कहते हैं न कि समय की मार बहुत बुरी होती है, रमन अरोड़ा के साथ हुआ भी यही।निगम अधिकारी एटीपी वशिष्ठ के साथ नोटिस चिपाकर रमन अरोड़ा ने लोगों से पैसे वसूले। इसी वजह से जिस इलाके से विधायक रमन अरोड़ा विधायक बने, उनके घर रेड पड़ने के बाद वहां लड्डू बांटे गए। लोग उनसे इतना तंग आ गए थे कि गिरफ्तारी पर खुश हुए।
घर से मिले जाली नोटिस
रमन अरोड़ा के घर से कई जाली नोटिस भी मिले हैं। नोटिस में लिखा है कि उक्त बिल्डिंग को नाजायाज तरीके के साथ बनाया गया है। पत्र मिलने के बाद दफ्तर में लिखित में स्पष्टीकरण की मांग भी की गई थी। स्पष्टीकरण न देने पर कार्रवाई की बात भी इस नोटिस में की गई है। इसके नीचे एटीपी नगर निगम के साइन भी हुए हैं।
विधायक रमन अरोड़ा को विजिलेंस की टीम ने 23 मई को साढ़े 7 घंटे की पूछताछ के बाद घर से अरेस्ट कर लिया। विजिलेंस की टीम ने उनके घर पर आज सुबह-सुबह करीब साढ़े 8 बजे रेड की। लंबी पूछताछ के बाद विजिलेंस की टीम 4 बजे रमन अरोड़ा को काले पर्दे वाली गाड़ी में बैठाकर अपने साथ ले गई।
जानकारी देते हुए आप नेता बलतेज पन्नू ने बताया कि सीएम के पोर्टल पर रमन अरोड़ा के भ्रष्टाचार को लेकर लगातार शिकायतें मिल रही थीं। वह जालंधर के असिस्टेंट टाउन प्लानर सुखदेव वशिष्ठ के साथ मिलकर लोगों को नोटिस भेजते थे और उसके बाद मामला रफा-दफा करने के लिए मोटी रकम लेते थे।
उन्होंने आगे बताया कि लगातार मिल रही शिकायतों के बाद पहले एटीपी के खिलाफ कार्रवाई की गई और फिर उसके बाद आज विधायक रमन अरोड़ा के खिलाफ रेड की जा रही है। रमन अरोड़ा को गिरफ्तार नहीं किया गया है। विजिलेंस की उनके घर पर रेड चल रही है। पंजाब सरकार भ्रष्टाचार के खिलाफ जीरो टॉलरेंस नीति अपना रही है।
हाल ही में रमन अरोड़ा की पंजाब सरकार ने सिक्योरिटी वापिसी ले ली थी। जिसके बाद उन्होंने कहा था कि इस फैसले का कारण नहीं पता और फिलहाल उनके पास कोई सुरक्षा कर्मी नहीं हैं। उनकी सुरक्षा वापस लिए जाने के बाद बाजार में व्यापारी ने लड्डू भी बांटे थे। इसके बाद वह दो दिन सोशल मीडिया पर एक्टिव रहे थे।
कपड़े का है कारोबार
रमन अरोड़ा व्यवसाय से वे कपड़े के व्यापारी हैं और जालंधर के पीर बोदलां बाजार में उनका व्यापार है। राजनीति में आने से पहले, उन्होंने COVID-19 महामारी के दौरान सामाजिक कार्यों में सक्रिय भूमिका निभाई, जिससे उन्हें कांग्रेस सरकार के दौरान खत्री-अरोड़ा पंजाब बोर्ड का उपाध्यक्ष नियुक्त किया था।
रमन अरोड़ा का राजनीतिक सफर दिसंबर 2021 में शुरू हुआ जब उन्होंने अरविंद केजरीवाल से एक जागरण कार्यक्रम में मुलाकात की। इस मुलाकात से प्रेरित होकर उन्होंने आम आदमी पार्टी से जुड़ने का निर्णय लिया और 2022 के विधानसभा चुनाव में पहली बार उम्मीदवार बने। विधायक बनने के बाद रमन अरोड़ा की कार्यप्रणाली पर कई सवाल उठते रहे हैं। पंजाब सरकार का करप्शन के खिलाफ बड़ा एक्शन है

GIPHY App Key not set. Please check settings