Punjaकेंद्र सरकार ने स्पष्ट किया है कि तंबाकू और इससे संबंधित उत्पादों पर कोई नया जीएसटी (वस्तु एवं सेवा कर) नहीं लगाया जाएगा। हालांकि, जीएसटी मुआवजा उपकर (सेस) समाप्त होने के बाद सरकार एक नया केंद्रीय टैक्स लागू करने की योजना बना रही है। इस कदम का उद्देश्य यह सुनिश्चित करना है कि राज्यों के राजस्व पर कोई असर न पड़े और महंगे या नुकसानदेह उत्पादों से टैक्स की आमदनी लगातार बनी रहे।सिगरेट, बीड़ी और चबाने वाले तंबाकू जैसे उत्पादों पर वर्तमान में 28% जीएसटी लगाया जाता है। इसके अलावा, एक मुआवजा सेस भी वसूला जाता है, जिससे कुल टैक्स बोझ 60-70% या इससे भी अधिक हो जाता है। यह सेस जुलाई 2017 में जीएसटी लागू होने के साथ शुरू किया गया था ताकि शुरुआती वर्षों में राज्यों को टैक्स नुकसान की भरपाई की जा सके।
मुआवजा सेस की मूल समय सीमा जून 2022 में समाप्त हो गई थी, लेकिन कोविड-19 महामारी के दौरान केंद्र सरकार ने राज्यों को वित्तीय सहायता देने के लिए 2.7 लाख करोड़ रुपये का कर्ज लिया था। इसी कारण से सेस को मार्च 2026 तक जारी रखने की अनुमति दी गई। अब सरकार इस अवधि के बाद एक नए वित्तीय ढांचे पर काम कर रही है, जिसके तहत राजस्व प्रवाह बनाए रखने और राज्यों को नुकसान से बचाने के लिए जीएसटी से अलग एक नया केंद्रीय टैक्स लगाया जाएगा।जानकारी के अनुसार, महंगी कारों, तंबाकू और शराब जैसी लग्जरी वस्तुओं पर जीएसटी दर पहले ही 28% से बढ़ाकर 40% कर दी गई है। कर अनुपालन (Tax Compliance) में सुधार और बढ़ी हुई खपत के कारण कुल राजस्व में वृद्धि हुई है, जिससे राज्यों को अनुमान से कम नुकसान होगा। पहले लगभग 48,000 करोड़ रुपये की कमी का अनुमान लगाया गया था, लेकिन अब यह घट सकता है।
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