Punjab media news :दुनिया भर में मोटापा अब एक बड़ी स्वास्थ्य समस्या बन चुका है। इसे नियंत्रित करने के लिए बाजार में कई तरह की दवाइयां उपलब्ध हैं। अब विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) ने इन दवाइयों को अपनी Model List of Essential Medicines (EML) में जगह दी है। यह फैसला न सिर्फ हेल्थकेयर सेक्टर बल्कि आम लोगों की जिंदगी पर भी असर डाल सकता है।
WHO की Essential Medicines List क्यों अहम है?
WHO की यह सूची 150 से ज्यादा देशों में अपनाई जाती है, जिनमें भारत भी शामिल है। इस लिस्ट में आने वाली दवाइयों को खरीदने, सप्लाई करने और हेल्थ इंश्योरेंस स्कीम से जोड़ने में आसानी होती है। अगर भारत इस लिस्ट को अपनाता है, तो इन महंगी दवाइयों की कीमतों में भारी कमी आ सकती है और ज्यादा लोगों तक इनकी पहुंच हो सकेगी।
भारत में इन दवाइयों की मौजूदा कीमतें
- Wegovy (Semaglutide): 17,000 से 26,000 रुपये प्रति माह।
- Mounjaro (Tirzepatide): 14,000 से 27,000 रुपये प्रति माह। इसमें शीशियां थोड़ी सस्ती हैं, लेकिन प्री-फिल्ड Kwikpens महंगे हैं।
WHO की राय क्या है?
- इन दवाइयों की कीमत बहुत ज्यादा है, जिससे आम लोगों तक इनकी पहुंच मुश्किल हो रही है।
- इनका सबसे ज्यादा फायदा उन्हीं लोगों को मिलना चाहिए जिन्हें वास्तव में जरूरत है।
- कीमत घटाने के लिए जेनेरिक दवाइयों को बढ़ावा दिया जाना चाहिए।
- प्राथमिक स्वास्थ्य सेवाओं (Primary Healthcare) में भी इन दवाइयों की उपलब्धता जरूरी है, खासकर उन जगहों पर जहां मेडिकल सुविधाएं कम हैं।

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