Punjab media news : अमेरिका और चीन में दुनिया के सबसे ताकतवर देश बनने की होड़ लगी रहती है. दोनों देश एक-दूसरे को पछाड़ने के लिए हर तरह हथकंडे अपनाते हैं. अमेरिका के चुने गए नए राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने भी यही किया है. ट्रंप ने चीन में अपने राजदूत के रूप में जॉर्जिया के पूर्व सीनेटर डेविड पर्ड्यू को इस पद के लिए नामित किया है. यह एक ऐसा पद है जिसके लिए वाशिंगटन और बीजिंग के बीच बढ़ते अशांत संबंधों को ध्यान में रखना होगा.
अलजजीरा की रिपोर्ट के अनुसार ट्रंप ने अपने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म ट्रुथ सोशल पर एक पोस्ट में कहा, “फॉर्च्यून 500 के सीईओ के रूप में, जिनका 40 साल का अंतर्राष्ट्रीय व्यापार करियर रहा है और जिन्होंने अमेरिकी सीनेट में सेवा की है. डेविड चीन के साथ हमारे संबंधों को बनाने में मदद करने के लिए बहुमूल्य विशेषज्ञता लेकर आए हैं. वह सिंगापुर और हांगकांग में रह चुके हैं और उन्होंने अपने करियर के अधिकांश समय एशिया और चीन में काम किया है.”ट्रंप चीन को लेकर पहले भी दे चुके हैं संकेत
ट्रंप ने कहा, “वह क्षेत्र में शांति बनाए रखने और चीन के नेताओं के साथ प्रोडक्टिव कामकाजी संबंध बनाने की मेरी रणनीति को लागू करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएंगे.” साल 2015 से 2021 तक सीनेट के सदस्य के रूप में, पर्ड्यू ने चीन पर कड़ा रुख अपनाया जो रिपब्लिकन पार्टी की पहचान बन गया है. चीन के बारे में अमेरिका का पुराना दृष्टिकोण अवसरों को खोने या इससे भी बदतर, खतरनाक गलत अनुमान या आत्मसंतुष्टि का कारण बन सकता है,” उन्होंने मोंटाना के रिपब्लिकन सीनेटर स्टीव डेन्स, आयोवा के चक ग्रासली और विस्कॉन्सिन के रॉन जॉनसन के साथ फॉक्स न्यूज के लिए 2018 के एक ऑप-एड में लिखा था. “हमारे पास चीन के बढ़ते आर्थिक और भू-राजनीतिक प्रभाव से मुकाबला करने और उससे निपटने के लिए दीर्घकालिक योजना होनी चाहिए.”
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