Punjab media news : केंद्रीय जेल बठिंडा में बंद मानसा जिले के गांव नंगला कलां निवासी और 50 बार से अधिक रक्तदान कर चुके स्टेट अवार्डी सुक्खा राम की 27 जून को संदिग्ध परिस्थितियों में मौत हो गई। इस खबर के फैलते ही सिविल अस्पताल बठिंडा में माहौल तनावपूर्ण हो गया, जब मृतक के परिजन और किसान यूनियन के सदस्य जेल प्रशासन के खिलाफ धरने पर बैठ गए।परिजनों ने गंभीर आरोप लगाए हैं कि सुक्खा राम की मौत जेल प्रशासन की लापरवाही से हुई है। परिवार का दावा है कि उन्हें न तो मौत की सही जानकारी दी गई और न ही समय पर सूचित किया गया। मृतक के भाई राजू राम ने बताया कि एक दिन पहले ही 26 जून को जेल फोन पर उसकी भाई से बात हुई थी और वह बिल्कुल स्वस्थ था। संदेह और आक्रोश के बीच मजिस्ट्रेट जांच के आदेश दिए गए हैं। ड्यूटी मजिस्ट्रेट ने अस्पताल पहुंचकर मृतक के परिजनों के बयान कलमबंद किए और उनकी निगरानी में डॉक्टरों की टीम ने शव का पोस्टमार्टम किया। अब सबकी नजर पोस्टमार्टम रिपोर्ट पर टिकी है, जो मौत की असली वजह को उजागर करेगी।परिजनों का आरोप है कि सुक्खा राम को दो महीने पहले एक साजिश के तहत झूठे केस में फंसाकर जेल में डाला गया था। सुक्खा राम को हाल ही में पंजाब के स्वास्थ्य मंत्री बलबीर सिंह द्वारा रक्तदान के क्षेत्र में उल्लेखनीय सेवा के लिए स्टेट अवार्ड से सम्मानित किया गया था।

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