punjab media news : सैंकड़ों करोड़ रुपए के भ्रष्टाचार के आरोप में गिरफ्तार किए गए सेंट्रल हलके से विधायक रमन अरोड़ा के केस में उस समय नया मोड़ आ गया, जब आज विजिलेंस द्वारा माननीय अदालत में अतिरिक्त जिला एवं सैशन जज जसविंदर सिंह की अदालत में विधायक अरोड़ा, उनके राजदार महेश मखीजा और रिश्वत के आरोप में गिरफ्तार की गई नगर निगम की महिला इंस्पेक्टर हरप्रीत कौर के खिलाफ 6000 पेजों की चार्जशीट फाइल की गई। इस चार्चशीट में कई बड़े व्यापारियों और अन्य लोगों के विधायक अरोड़ा द्वारा परेशान करके पैसे ऐंठने के एवज में स्टेटमेंट दर्ज हैं। वहीं हैरानी की बात है कि उनके समधी राजू मदान अभी भी फरार हैं। इस चार्जशीट में विधायक रमन अरोड़ा के बेटे राजन अरोड़ा का भी नामजद है। अब इस केस पर सुनवाई 27 जुलाई को होगी।
सूत्रों की मानें विजिलेंस अधिकारियों द्वारा तय समय पहले ही चार्जशीट दाखिल कर दी गई है। चार्जशीट में विधायक रमन अरोड़ा के विधायक रहते हुए और विजिलेंस द्वारा गिरफ्तारी के बाद जांच में जितने भी पीड़ित लोग जिनसे पैसे ऐंठे गए और कितने लाखों रुपए वसूले गए हैं, उन सबके बयान विजिलेंस ने चार्जशीट फाइल में कमलबद्ध कर कोर्ट में दाखिल किए हैं।
दूसरी ओर चार्जशीट में विधायक रमन अरोड़ा के साथ-साथ उनके राजदार महेश मखीजा, महिला इंस्पेक्टर हरप्रीत कौर और विधायक रमन अरोड़ा के रिश्तेदारों और उनकी कंपनियों और फर्मों की स्टेटमेंट सहित बैंक ट्रांजेक्शन के बारे भी जिक्र किया गया है। यह सब अहम दस्तावेज सील बंध लिफाफे में विजिलेंस ने कोर्ट में पेश किए हैं।
विजिलेंस अधिकारियों की मानें तो रमन अरोड़ा द्वारा विधायक रहते हुए जिस तरह बेनामी संपत्ति बनाई गई है और उसी के साथ जिन-जिन लोगों के नाम पर संपत्तियां खरीदी गई हैं, उसकी फिलहाल विजीलैंस जांच चल रही है। हालांकि विजीलैंस द्वारा कई अन्य लोगों जिनके नाम पर संपत्तियां खरीदी गई हैं, उनके बयान भी विजीलैंस ने दर्ज किए हैं, ताकि बाद में अलग से एक बेनामी संपत्तियों की रिपोर्ट दाखिल की जा सके।

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