Punjab media news : पंजाब की राजनीति में बड़ा भूचाल लाने वाली विजिलैंस जांच अब विधायक रमन अरोड़ा की अघोषित संपत्तियों तक पहुंच गई है। विजिलैंस विभाग ने ब्लैक मनी के जरिए संपत्ति एकत्रित करने के आरोपों की तह तक जाने के लिए राजस्व रिकॉर्ड को खंगालना शुरू कर दिया है। यह जांच शहर के प्रमुख इलाकों से लेकर गांवों तक फैली हुई है, जिसमें रमन अरोड़ा, उनके रिश्तेदारों और करीबी मित्रों के नाम रजिस्टर्ड प्रॉपर्टियों को खंगाला जा रहा है। अब अरोड़ों के करीबी रिश्तेदार पर शिकंजा कसा जा रहा जोकि सारे राज खोल सकते हैं।
सूत्रों की मानें तो विजिलैंस को इनपुट मिले हैं कि रमन अरोड़ा ने बड़े स्तर पर अघोषित आय का उपयोग करके संपत्तियां खरीदी, जिन्हें परिजनों और मित्रों के नाम से रजिस्टर्ड कराया गया है। ऐसे में विभाग ने इन तमाम संपत्तियों का खाका तैयार किया और अब तक 92 से अधिक प्रॉपर्टियों की जांच की जा चुकी है।
विजिलैंस विभाग ने अपनी जांच की शुरूआत शहर के बहुचर्चित और तेजी से विकसित हो रहे इलाकों से की है। इनमें फोलड़ीवाल की 66 फुट रोड, ए.जी.आई. फ्लैट्स, रामा मंडी, चौहकां, तल्हन, बडिंग, रेरू, धीना, नकोदर रोड, जमशेर के अलावा पटेल चौक, बस्ती गुजां, ज्योति चौक, अटारी बाजार, शेखां बाजरा और नाज सिनेमा के समीप स्थित मार्कीट सहित दर्जनों लोकेशन शामिल हैं।
इन इलाकों में रिहायशी, कमर्शियल प्रॉपर्टी, कॉलोनियों, दुकानों और शोरूमों की रजिस्ट्रियों संबंधी रैवेन्यू रिकार्ड को बारीकी से खंगाला जा रहा है। विजिलैंस टीमों ने अलग-अलग पटवारियों और कानूनगो को साथ लेकर न केवल दस्तावेजों की जांच की, बल्कि मौके पर जाकर भी कई संपत्तियों की तफ्तीश की।
विजिलैंस विभाग की नजर सिर्फ रमन अरोड़ा तक सीमित नहीं है, बल्कि उनके साथियों और सहयोगियों की संपत्तियों पर भी है। इनमें प्रमुख नामों में राजू मदान, राजन अरोड़ा, भूपिंदर सिंह सहित अन्य कई लोग शामिल हैं, जिनके नाम प्रॉपर्टी दस्तावेजों में सामने आए हैं। इन व्यक्तियों के नाम पर जो प्रॉपर्टियां दर्ज हैं, उन्हें लेकर विजिलैंस यह जांचने में लगी है कि क्या इसमें कोई कनैक्शन रमन अरोड़ा से जुड़ता है। विभाग इस बात की तह तक जाना चाहता है कि क्या यह सभी प्रॉपर्टियां किसी बड़े नैटवर्क के तहत खरीदी गईं और क्या यह कथित ब्लैक मनी के निवेश का हिस्सा हैं।

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