नगर निगम में नियमों की उड़ रही धज्जियां

नगर निगम में नियमों की उड़ रही धज्जियां

Punjab mजालंधर नगर निगम में इन दिनों आऊटसोर्स आधार पर तैनात कच्चे जूनियर इंजीनियर (जे.ई.) और सब डिविजनल ऑफिसर (एस.डी.ओ.) को लेकर गंभीर सवाल खड़े हो रहे हैं। हैरानी की बात यह है कि इन अधिकारियों का कॉन्ट्रैक्ट करीब तीन महीने पहले, यानी 30 सितम्बर 2025 को समाप्त हो चुका है, इसके बावजूद वे आज भी निगम की अहम और मलाईदार पोस्टों पर तैनात हैं। स्थानीय निकाय विभाग को भले ही लोकल गवर्नमैंट कहा जाता हो, लेकिन यह विभाग भी पंजाब सरकार द्वारा बनाए गए नियमों के तहत ही काम करता है। इसके उलट जालंधर नगर निगम में स्थिति ऐसी प्रतीत हो रही है मानो यहां राज्य सरकार के नियमों की बजाय अपने ही नियम लागू हों और सरकारी नियमों की धज्जियां उड़ाई जा रही हों ।

गौरतलब है कि पक्के अधिकारियों और कर्मचारियों की कमी के चलते पंजाब सरकार ने कुछ वर्ष पहले आऊटसोर्स आधार पर जे.ई. और एस.डी.ओ. की भर्ती की थी, जो लगातार निगम में सेवाएं दे रहे हैं। बीते कुछ महीनों में निगम का पूरा सिस्टम इन्हीं आऊटसोर्स अधिकारियों पर निर्भर सा हो गया है। वर्तमान हालात यह हैं कि निगम में तैनात सभी कच्चे जे.ई. और एस.डी.ओ. का कॉन्ट्रैक्ट समाप्त हो चुका है, यानी तकनीकी रूप से वे न तो ग्रेटेस इंडिया कंपनी के कर्मचारी हैं और न ही नगर निगम के। इसके बावजूद निगम प्रशासन ने इन्हें साइनिंग अथॉरिटी तक की शक्तियां दे रखी हैं। यह स्थिति नियमों और प्रक्रियाओं पर बड़ा सवाल खड़ा करती है।

गौरतलब है कि कुछ समय पहले कुछ कच्चे जे.ई. द्वारा भ्रष्टाचार को बढ़ावा देने की खबरों के बाद नगर निगम प्रशासन ने उनसे वित्तीय शक्तियां छीन ली थीं। इसके चलते अब वे न तो ठेकेदारों की मेजरमेंट बुक (एम.बी.) लिख सकते हैं और न ही उसे वेरीफाई कर सकते हैं। लेकिन इसके विपरीत कच्चे एस.डी.ओ. से न तो ऐसी शक्तियां वापस ली गईं और न ही उन्हें कम महत्वपूर्ण पदों पर लगाया गया। उलटा, उन्हें अब भी मलाईदार पोस्टों पर बनाए रखा गया है। इस असमानता को लेकर कच्चे जेईज में रोष पनप रहा है कि जब उनके पास फाइनेंशियल पावर नहीं हैं तो कच्चे एस.डी.ओ. को यह अधिकार क्यों दिया जा रहा है।

हाजिरी और वेतन को लेकर भी उठ रहे सवाल

एक और बड़ा सवाल यह है कि इन कच्चे जे.ई. और एस.डी.ओ. की हाजिरी आखिर कौन लगा रहा है। नियमों के मुताबिक इनकी हाजिरी संबंधित जोन कार्यालय में लगनी चाहिए और उसे एक रैंक ऊपर का पक्का अधिकारी वेरीफाई करता है। लेकिन जब 30 सितम्बर 2025 के बाद इनका कॉन्ट्रैक्ट ही समाप्त हो चुका है, तो इनकी रोजाना हाजिरी की वेरिफिकेशन किस अधिकारी द्वारा की जा रही है, यह स्पष्ट नहीं है। यदि भविष्य में इन्हें एक्सटैंशन मिलती है तो भी यह सवाल बना रहेगा कि उनकी हाजिरी को बाद में वेरीफाई करना कितना उचित और वैध होगा। सूत्रों के अनुसार जालंधर निगम का अकाउंट्स विभाग कॉन्ट्रैक्ट रिन्यू न होने की स्थिति में ऐसे अधिकारियों का वेतन जारी नहीं कर रहा है। नतीजतन, पिछले तीन महीनों से कई कच्चे जे.ई. और एस.डी.ओ. बिना वेतन के ही निगम में काम कर रहे हैं।

Punjab Media News Punjab Media News Punjab Media News Punjab Media News Punjab Media News Punjab Media News Punjab Media News Punjab Media News g

What do you think?

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

GIPHY App Key not set. Please check settings

जालंधर में हुई गोलीबारी की घटना में पुलिस ने तत्काल कार्रवाई

जालंधर में हुई गोलीबारी की घटना में पुलिस ने तत्काल कार्रवाई

जालंधर के इस इलाके में नकली तेल बनाने वाले गोदाम का पर्दाफाश

जालंधर के इस इलाके में नकली तेल बनाने वाले गोदाम का पर्दाफाश