Punjab media news newsदीवाली जैसे प्रमुख त्यौहार में अब मात्र तीन-चार दिन शेष रह गए हैं, लेकिन जालंधर शहर में पटाखा मार्केट को लेकर स्थिति अब भी स्पष्ट नहीं हो सकी है। न तो पुलिस ने अब तक किसी स्थान को नोटिफाई किया है और न ही पटाखा कारोबारियों को लाइसैंस जारी किए गए हैं। ऐसे में करोड़ों रुपए का स्टॉक रखने वाले पटाखा कारोबारी इस बार राजनीति और अफसरशाही के चक्रव्यूह में फंसकर रह गए हैं।
गौरतलब है कि पिछले कई वर्षों से पटाखा मार्केट बर्ल्टन पार्क के खुले मैदान में लगती आ रही थी, लेकिन इस बार वहां स्पोर्ट्स हब का निर्माण कार्य चलने के कारण मार्केट लगाने की अनुमति नहीं दी गई। पिछले दो-तीन महीनों से जिला प्रशासन और नगर निगम प्रशासन पटाखा मार्केट के लिए उपयुक्त स्थान तलाशने में ही उलझे रहे। जिन-जिन स्थानों का प्रस्ताव रखा गया, उनमें विभिन्न खामियां निकल आईं, जिससे कोई भी जगह फाइनल नहीं हो सकी।
कुछ दिन पहले पटाखा कारोबारियों ने अपने स्तर पर पठानकोट चौक के नजदीक खाली पड़ी भूमि पर मार्केट लगाने की योजना बनाई थी। पहले तो अधिकारियों ने सहमति जताई, लेकिन अब उसी जगह पर भी कई प्रकार की अड़चनें डाली जा रही हैं। सूत्रों के अनुसार, जालंधर पुलिस ने अब तक इस स्थान को नोटिफाई नहीं किया है। दिनभर पुलिस और प्रशासनिक अधिकारी उक्त जगह का निरीक्षण करते रहे। कुछ अधिकारियों ने सहयोगात्मक रवैया दिखाया, जबकि कुछ ने आपत्तियां उठाईं। बताया जा रहा है कि इस स्थान के साथ लगते पैट्रोल पंप को लेकर भी आपत्ति दर्ज करवाई जा रही है। फिलहाल स्थिति यह है कि पुलिस से लाइसैंस लिए बिना पटाखा कारोबारी अपना व्यापार शुरू नहीं कर सकते, जिस कारण उनमें भारी निराशा और गुस्सा देखा जा रहा है।
इस पूरे मामले में राजनीतिक हस्तक्षेप भी लगातार देखने को मिला है। शुरुआत में सीनियर डिप्टी मेयर और आम आदमी पार्टी के नेता बलबीर सिंह बिट्टू ने गांव चोहकां की खाली भूमि पर मार्केट लगाने का सुझाव दिया था। इसके बाद आप हलका इंचार्ज दिनेश ढल्ल ने बेअंत सिंह पार्क वाली जगह प्रस्तावित की, लेकिन वहां भी बात नहीं बनी। उसके बाद भाजपा नेता के.डी. भंडारी ने अपने परिचित के माध्यम से नई जगह का प्रबंध करवाने का प्रयास किया। इसी बीच कांग्रेस समर्थित प्रधान राणा हर्ष वर्मा ने लायलपुर स्कूल में जगह लेकर एग्रीमैंट तक कर लिया, लेकिन जब वहां अनुमति नहीं मिली तो वह हाईकोर्ट पहुंच गए। हालांकि उनकी पिटीशन अब रद्द हो चुकी है, परंतु नई जगह को लेकर विवाद अभी भी बरकरार है।











GIPHY App Key not set. Please check settings