Punjab media news :स्थानीय पुलिस ने नकली आर.एम.पी. डाक्टर और उसकी 3 सहायक महिला नशा तस्करों को भारी मात्रा में नशीली दवाइयों के साथ गिरफ्तार किया जो डाक्टरी पेशे में बड़े सतर पर पिछले लंबे समय से नशा तस्करी का कारोबार चला रहा था। यही नहीं आरोपी ने पुलिस और लोगों को गुमराह करने के लिए दवाइयों की दुकान की आड़ में क्लीनिक भी चला रहा था जो आम जनता की सेहत के साथ इलाज के नाम पर खिलवाड़ कर रहा था।
पुलिस ने नशा तस्करी के एक ऐसे बड़े रैकेट का भांडा फोड़ा है जो शायद पंजाब में पहला ऐसा मामला होगा कि नशा तस्करी करने के लिए व्यक्ति पिछले लंबे समय से नकली डाक्टर बन कर गांव में बैठा था।
डी.एस.पी. फिल्लौर सरवन सिंह बल ने बताया कि एस.एस.पी. जालंधर हरकमलप्रीत सिंह के दिशा निर्देशों पर नशा तस्करों के विरुद्ध चलाए जा रहे अभियान के अंतर्गत इंस्पैक्टर संजीव कपूर और उनकी पुलिस पार्टी ने ऐसे एक बड़े ड्रग रैकेट का भांडा फोड़ने में सफलता हासिल की जिसमें गिरोह का आरोपी धरमिंदर सिंह पुत्र बलबीर सिंह वासी गांव मियोंवाल थाना बिलगा नजदीकी गांव में अवैध रूप से फर्जी दवाइयों की दुकान की आड़ में लंबे समय से क्लिनिक खोल कर नकली आर.एम.पी. डाक्टर बन कर चला रहा था।
उसके पास न तो कोई डिग्री थी न ही दवाइयों की दुकान चलाने का कोई लाईसैंस था। इस काम में उसने अपने साथ 3 सहायक महिलाओं जिनमें एक लड़की अभी कुंवारी है मोनिका पुत्री बलिहार वासी गांव समराड़ी, ज्योती पत्नी बलविंदर वासी गांव गन्ना पिंड, प्रिती पत्नी दविंदर वासी गांव चब्बेवाल थाना होशियारपुर को शामिल किया हुआ था। उसने नशे का हैडक्वार्टर गांव लंदड़ा में अपनी दवाइयों की दुकान में खोला हुआ था और यहां से वह पठानकोट तक नशीली दवाइयों का कारोबार महिलाओं के माध्यम से ग्राहकों तक सप्लाई पहुंचाते थे। इसकी सहायकों ज्योती व प्रीति पर फिल्लौर के अलावा पंजाब के अन्य थानों में आधा दर्जन से ज्यादा मुकद्दमें दर्ज हैं।
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