Punjab media news : डेमोक्रेटिक आजाद पार्टी (डीएपी) के अध्यक्ष गुलाम नबी आजाद ने मंगलवार को कांग्रेस आलाकमान पर हमला बोला और कहा कि वे कभी भी कांग्रेस पार्टी की विचारधारा के खिलाफ नहीं रहे. समाचार एजेंसी एएनआई के साथ एक साक्षात्कार में उन्होंने कहा, ‘मैं कांग्रेस को पूरी तरह से खत्म नहीं करना चाहता, पार्टी नेतृत्व के साथ मेरे मतभेद हो सकते हैं, लेकिन कांग्रेस पार्टी या कांग्रेस की विचारधारा का मैंने हमेशा समर्थन किया है.’
पूर्व केंद्रीय मंत्री ने आगे कहा, भले ही मैंने अपनी किताब में इस बात का जिक्र किया है कि पंडित जवाहरलाल नेहरू जी, इंदिरा गांधी जी और राजीव गांधी जी के शासनकाल में क्या गलत हुआ, लेकिन साथ ही मैंने अपनी किताब में यह भी कहा है कि वे बड़े और असरदार नेता थे.’
आजाद ने कहा, ‘नेहरू जी, इंदिरा गांधी और राजीव गांधी बड़े राजनीतिक हमले को बर्दाश्त कर सकते थे, उनमें वो क्षमता और सहनशक्ति थी, उन्हें जनता का समर्थन हासिल था और लोग उनका सम्मान करते थे. ये ऐसे नेता थे जो वक्त के साथ अपने काम के दम पर परिस्थितियों को पलट सकते थे, लेकिन आज के समय में वर्तमान कांग्रेस नेतृत्व का लोगों पर कोई असर नजर नहीं आता है.’
गौरतलब है कि गुलाम नबी आजाद (73) ने 26 अगस्त 2022 को कांग्रेस छोड़ दी थी. बाद में उन्होंने 26 सितंबर को उन दर्जनों पूर्व मंत्रियों, पूर्व विधायकों और अन्य प्रमुख नेताओं के सहयोग से डीएपी का गठन किया था, जिन्होंने उनके समर्थन में कांग्रेस से इस्तीफा दे दिया था. इनमें पूर्व उपमुख्यमंत्री तारा चंद, पूर्व मंत्री पीरजादा मोहम्मद सईद, ताज मोहिउद्दीन, जी एम सरूरी, आर एस छिब, जुगल किशोर, माजिद वानी और मनोहर लाल शर्मा शामिल थे.
हालांकि, पार्टी गठित होने कुछ हफ्ते बाद ही इसमें कलह शुरू हो गई और तारा चंद और कुछ अन्य नेताओं को डीएपी से निष्कासित कर दिया गया. इस साल के आरंभ में ‘भारत जोड़ो यात्रा’ के दौरान तारा चंद, पीरजादा मोहम्मद और 15 अन्य नेताओं ने कांग्रेस में फिर से वापसी कर ली.