Police and Nihang: The village was troubled by Nihangs, money collected in the name of Gurudwara, Patiala Jalandhar Amritsar Ludhiana Phagwara Punjab News in Hindi
Punjab Media News: कर्फ्यू में ड्यूटी पर तैनात एएसआइ हरजीत सिंह की कलाई काटने के बाद गुरुद्वारा श्री खिचड़ी साहिब के क्वार्टरों (निहंगों का डेरा) से गिरफ्तार हमला करने वाले निहंगों से पूरा गांव ही परेशान था। बलबेड़ा स्थित श्री खिचड़ी साहिब गुरुद्वारे के नाम डेरे के मुखी बलविंदर सिंह व उसके साथियों ने गांवों से अनाज व पैसा तो इकट्ठा किया, लेकिन गुरुद्वारा साहिब के सुधार व निर्माण कार्य पर खर्च नहीं किया।
Police and Nihang: गुरुघर के नाम पर लिए 39 लाख होने के बावजूद नहीं करवाया निर्माण कार्य
गांव के लोगों ने कहा कि 2010 में इस गुरुद्वारा साहिब की बिल्डिंग का काम रुक गया था। इसके बाद एक भी ईंट नहीं लगी। डेरा मुखी के संपर्क में रहने वाले कुछ लोगों ने कहा भी था, लेकिन 39 लाख रुपये कैश होने के बावजूद गुरुद्वारा साहिब की बिल्डिंग की हालत जर्जर ही रही। यहां पर किसी भी तरह का बड़ा धार्मिक समागम भी नहीं करवाया गया।
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डेरे के मुखी बलविंदर सिंह, उसके बेटे व बहू सहित 11 लोगों की गिरफ्तारी के बाद गुरुद्वारा श्री खिचड़ी साहिब को संभालने की जिम्मेदारी हेड ग्रंथी बाबा लखविंदर सिंह को सौंप दी गई है। अब वह यहां पर गुरुद्वारा साहिब में नितनेम का पाठ जारी रखवाएंगे। उन्होंने बैसाखी पर श्री अखंड पाठ साहिब का भोग डालते हुए सभी को प्रसाद बांटा, लेकिन प्रसाद ग्रहण करने वाले सभी सेवादार व पुलिस मुलाजिम ही थे। हर बैसाखी पर गुरुद्वारा साहिब में 200 से अधिक लोग जुटते थे, लेकिन इस बार कफ्र्यू व विवादों के कारण कोई नहीं पहुंचा। रामनगर चौकी इंचार्ज एसआइ मोहन सिंह की मौजूदगी में भोग डाला गया।
Police and Nihang: गुरुद्वारा साहिब के इतिहास को लेकर दो राय
बलबेड़ा के नजदीक खेतों में डेरे में स्थापित इस गुरुद्वारा साहिब के इतिहास को लेकर लोगों में दो राय बनी हुई है। आसपास के गांव के बुजुर्गों की मानें तो गुरुद्वारा साहिब वाली जगह पर पहले पूरी तरह से खेत होते थे। 1997 में इस जगह पर बलविंदर सिंह ने निशान साहिब रखने के बाद घोषणा कर दी थी कि यहां पर गुरु साहिब ने खिचड़ी बनाई थी। इस जगह पर गुरुद्वारा श्री खिचड़ी साहिब बनेगा। यहां पर बनने वाली खिचड़ी खाने से लोगों की बीमारियां ठीक होंगी।
लोगों की धार्मिक आस्था इस कद्र जुड़ी कि देखते ही देखते इस जगह के आसपास कुल चार किल्ले जमीन पर बलविंदर सिंह का कब्जा हो गया। लोगों के सहयोग से गुरुद्वारा साहिब की बिल्डिंग भी बन गई, लेकिन डेरे के मुखी बलविंदर सिंह के हिंसक, गाली-गलौज व मनमानी के कारण लोगों ने किनारा करना शुरू कर दिया।