Punjab media news : सेक्सुअल क्राइम के मामले में अदालत से अपराधी साक्ष्य के आभाव में बरी हो जाते हैं. इसकी सबसे बड़ी वजह होती है साइनटिफिक एविडेंस का न होना जिसे लेकर ही अब झारखंड पुलिस की स्पेशल महिला टीम की स्क्वाड बनाई जा रही है जो हर जिले में पोस्टेड होंगी. यह महिला स्क्वाड किसी भी तरह के सेक्सुअल क्राइम के मामलों का इन्वेस्टिगेशन करेगी.
दरअसल नया कानून के लागू होते ही बगैर साइंटिफिक एविडेंस के कनविक्शन नहीं हो पाएगा जिसे लेकर झारखंड पुलिस गंभीर है. ऐसे में झारखंड पुलिस मुख्यालय के द्वारा राज्य की 150 महिला पुलिसकर्मियों का चयन किया गया है, जिनकी स्पेशल ट्रेनिंग भी शुरू कर दी गई है. दरअसल 343 महिला पुलिस कर्मी ने इस टीम का हिस्सा बनने को लेकर फार्म भरा था. लेकिन, फिलहाल इन 343 महिला कर्मियों में से महज 150 का ही चयन इस टीम में हुआ है, जिन्हे ट्रेंड किया जा रहा है.मामले की जानकारी देते हुए झारखंड पुलिस के डीजीपी अजय कुमार सिंह ने बताया कि महिला पुलिस कर्मियों को 4 तरह की ट्रेनिंग दी जा रही है, जिसमे कानून, मनोविज्ञान मेडिकल और फोरेंसिक की ट्रेनिंग शामिल है. 28 दिनो की ट्रेनिंग के बाद ये स्पेशल स्क्वायड की टीम हर जिले के महिला थानों में पदस्थापित होंगी और फिर अगर जिले में कोई सेक्सुअल ऑफेंस की घटना सामने आती है तो यह टीम उसका अनुसंधान करेगी. टीम का हिस्सा बनने वाली स्पेशल पुलिसकर्मियों के कंधो पर सेक्सुअल ऑफेंस से जुड़ी हुई साक्ष्यों एक संकलन करना और जांच में सहयोग करने का भी जिम्मा दिया गया है.