सिंदूरी का पौधा पाया जाता है इन राज्यों में गुन सुनकर हो जाएंगे हैरान?
सिंदूर का पौधा वैसे तो साउथ अमेरिका और कुछ एशियाई देशों में उगाया जाता है और भारत में इसे हिमाचल प्रदेश और महाराष्ट्र के कुछ इलाकों में उगाया जाता है।
सिंदूर का पौधा आसानी से नहीं देखने को मिलता, इसके 1 पौधे में से एक बार एक या डेढ़ किलो तक सिंदूर फल निकल सकता है, और इसकी कीमत ₹400 प्रति किलो से ज्यादा होती है. कमीला का पेड़ 20 से 25 फीट तक ऊंचा होता है यानी अमरूद के पेड़ जितना ही इसके पेड़ का भी फैलाव होता है
आपको बता दें कि इसके पेड़ से फल से जो बीज निकलते हैं उसे पीसकर सिंदूर बनाया जाता है, क्योंकि यह बिल्कुल नेचुरल होता है.इससे कोई नुकसान भी नही होता.कमीला के पेड़ पर फल गुच्छों में लगते हैं जो शुरू में हरे रंग का होता है, लेकिन बाद में यह फल लाल रंग में बदल जाता है उन फल के अंदर ही सिंदूर होता है. वह सिंदूर छोटे-छोटे दानों के आकार में होता है, जिसे पीसकर बिना किसी दूसरी चीजों की मिलावट की सीधे तौर पर प्रयोग में लाया जा सकता है.यह शुद्ध और स्वास्थ के लिए भी बहुत ही उपयोगी है. इसका कोई साइड इफेक्ट नहीं होता. इस सिंदूर का इस्तेमाल ना सिर्फ माथे पर लगाने के लिए है बल्कि इसका प्रयोग भोजन पदार्थों को लाल रंग देने के लिए भी होता है, यानी कि इसे खाया भी जाता है. कमीला के पेड़ से निकले वाले संदूर का प्रयोग उच्च श्रेणी की लिपस्टिक बनाने में किया जाता है. इससे दवाएं भी बनती है. इसे लिपस्टिक, हेयर डाई नेल पॉलिश जैसे कई चीजों में इस्तेमाल किया जाता है. कमर्शियल यूज में रेड इंक बनाना, पेंट के लिए इस्तेमाल करना, साबुन के लिए इस्तेमाल करना भी शामिल है. रेड डाई का इस्तेमाल जहां-जहां हो सकता है वहां इस पौधे का यूज किया जाता है.
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