इस खरीद के जरिये भारतीय वायुसेना में लड़ाकू स्क्वाड्रनों की कमी को पूरा करने की योजना बनाई गई है. आने वाले समय में वायुसेना का बेड़ा और मजबूत होगा. इससे स्वदेशी एयरोस्पेस क्षेत्र को ‘आत्मनिर्भर भारत’ की द‍िशा में और मजबूती म‍िलेगी. र‍िपोर्ट्स के मुताब‍िक पहला तेजस यानी एलसीए एमके-1 व‍िमान फरवरी 2024 में ड‍िलीवर क‍िया जाएगा. बाकी व‍िमान साल 2029 तक ड‍िलीवर कर द‍िए जाएंगे. तेजस व‍िमान को बॉर्डर एर‍िया में तैनात क‍िए जाने की उम्‍मीद है.

बताया जाता है क‍ि तेजस व‍िमान ड‍िज‍िटल रडार वॉर्न‍िंग र‍िसीवर, बाहरी आत्‍मसुरक्षा जैमर पॉड, बेहतर रडार, एडवांस ब‍ियॉन्‍ड-व‍िजुअल-रेंड (बीवीआर) म‍िसाइलों और खास तौर से बेहतर रखरखाव के साथ आएगा. इस फाइटर जेट में 65 से 70 फीसदी तक स्‍वदेशी उपकरण लैस होंगे. रक्षा मंत्रालय ने भारतीय वायुसेना के लिए 97 तेजस एमके-1ए जेट की खरीद के लिए हिंदुस्तान एयरोनॉटिक्स लिमिटेड के साथ 48,000 करोड़ रुपये का सौदा किया. तेजस स्वदेश निर्मित चौथी पीढ़ी का लड़ाकू विमान है. यह हवा में भी ईंधन भरने में सक्षम है.प्रचंड हवा और सतह पर मिसाइल दागने में सक्षमप्रचंड हेलीकॉप्टर को भी एचएएल ने विकसित किया है. इस अत्याधुनिक हल्के लड़ाकू हेलीकॉप्टर में 5.8 टन वजन के जुड़वा इंजन लगे हुए हैं. प्रचंड हवा से हवा और हवा से सतह पर मिसाइल दागने में सक्षम है. इसकी तैनाती मुख्य रूप से सियाचीन, लद्दाख और अरुणाचल प्रदेश के ऊंचे इलाकों में की जाएगी.