भारत में प्रतिबंधित संगठन सिख फॉर जस्टिस 6 नवंबर को कनाडा के ओंटारियो में ‘खालिस्तान रेफरेंडम’ करवाने जा रहा है। इसमें हिस्सा लेने वाले लोगों से पूछा जाएगा कि क्या आप भारत से अलग एक नया खालिस्तान देश चाहते हैं?
भारत ने इस पर कनाडा सरकार के सामने विरोध दर्ज कराया है। विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अरिंदम बागची ने कहा कि हमने यह मुद्दा दिल्ली में कनाडाई एम्बेसी और कनाडा में भी अधिकारियों के सामने उठाया है।
पिछले 2 साल में पंजाब में भारत विरोध और खालिस्तान के समर्थन में कई बार आवाज सुनाई दी है। खालिस्तान समर्थक सरकारी दफ्तरों, स्कूलों और मंदिरों में अपने पोस्टर, बैनर और स्लोगन लगा रहे हैं। रैलियों, रोड शो और सभाओं में आतंकी संगठन बब्बर खालसा और जरनैल सिंह भिंडरांवाले के पोस्टर लहराए जा रहे हैं।
भास्कर ने इसकी पड़ताल की तो पाया कि पंजाब में 2020 से अब तक 100 से ज्यादा ऐसे मामले सामने आए हैं। इस पूरे खेल के पीछे पाकिस्तान की खुफिया एजेंसी ISI का दिमाग है। उसी की फंडिंग से खालिस्तान समर्थक कनाडा के बाद जर्मनी और अमेरिका में भी मजबूत हो रहे हैं।
कश्मीर में सख्ती होने पर पाकिस्तान का फोकस पंजाब पर
केंद्रीय जांच एजेंसी के एक अधिकारी ने बताया कि पिछले दो साल के दौरान पंजाब में पाकिस्तान की खुफिया एजेंसी ISI के समर्थन वाले टेरर ग्रुप मजबूत हुए हैं। इनमें खालिस्तान कमांडो फोर्स, भिंडरांवाले कमांडो फोर्स ऑफ खालिस्तान, खालिस्तान लिबरेशन फोर्स, सिख फॉर जस्टिस, खालिस्तान लिबरेशन आर्मी शामिल हैं।
इन संगठनों को ब्रिटेन, कनाडा और जर्मनी से फंडिंग हो रही है। पाकिस्तान और चीन उन्हें लॉजिस्टिक सपोर्ट देते हैं। इसमें हथियार और ड्रग्स शामिल हैं। पंजाब में पाकिस्तान से ड्रोन के जरिए हथियार और ड्रग्स भेजने के मामले सामने आए है।
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पंजाब बॉर्डर पर 3 साल में करीब 1150 किलो ड्रग्स जब्त
पंजाब से सटी सीमा पर पाकिस्तानी रेंजर्स और ISI की मदद से 6 जगह ड्रोन सेंटर बनाए गए हैं। पंजाब में इस साल बॉर्डर पर अब तक 170 से ज्यादा बार ड्रोन एक्टिविटी ट्रेस की गई है। BSF ने 9 बार ड्रोन को मार गिराया। पंजाब बॉर्डर पर 3 साल में करीब 1150 किलो ड्रग्स BSF ने जब्त की है।
जम्मू-कश्मीर में लगातार एनकाउंटर की वजह से आतंकवादी मारे जा रहे हैं। इस वजह से ISI ने अपना फोकस पंजाब की ओर शिफ्ट किया है। हालांकि वह किसी संगठन को खड़ा करने की जगह पंजाब में पहले से मौजूद क्रिमिनल गैंग्स और माफिया को सपोर्ट कर रही है।
गुरपतवंत सिंह पन्नू खालिस्तान मूवमेंट का सबसे बड़ा चेहरा
सिख फॉर जस्टिस संगठन का चीफ गुरपतवंत सिंह पन्नू कनाडा में बैठकर खालिस्तान मूवमेंट चला रहा है। वह लालच देकर भारत में युवाओं को गलत काम करने के लिए बरगलाता है। पंजाब चुनाव से पहले PM मोदी की रैली में खालिस्तानी झंडे लहराने के लिए उसने एक लाख डॉलर (80 लाख रुपए) देने का वादा किया था।