Apple Twitter layoff : कुशल कर्मचारी की कमी के बावजूद दुनियाभर में बड़ी टेक कंपनियों में छंटनी का दौर जारी है। इनमें गूगल, माइक्रोसॉफ्ट, ट्विटर, एपल, टेस्ला, उबर, मेटावर्स और अमेजन जैसी कंपनियां भी शामिल हैं। दिग्गज अमेरिकी कंपनी एपल ने हाल ही में कॉन्ट्रैक्ट वाले 100 कर्मचारियों को बाहर का रास्ता दिखाया है, जबकि ट्विटर में भी हलचल है, यहां भर्तियों की रफ्तार धीमी कर दी गई है।
एट्रिशन रेट (इस्तीफे की दर) काफी ज्यादा होने के बावजूद ये कंपनियां छंटनी कर रही हैं। इसकी तीन प्रमुख वजह हैं… लगातार बढ़ती महंगाई, वैश्विक मंदी की आशंका और दुनियाभर के केंद्रीय बैंकों की ओर से ब्याज दरें बढ़ाना। इसके अलावा, रूस-यूक्रेन युद्ध, आपूर्ति शृंखला से जुड़ीं समस्याओं और महंगाई बढ़ने के कारण लागत में वृद्धि से जूझ रहीं ये कंपनियां खर्च में कटौती करने की तैयारी कर रही हैं।
कौशल की कमी 16 साल में सर्वाधिक
दरअसल, अमेरिकी डॉलर के लगातार मजबूत होने से स्थानीय मुद्राओं पर दबाव बढ़ रहा है। इससे कंपनियों को पहले के मुकाबले ज्यादा खर्च करना पड़ रहा है। ऐसे में खर्च से बचने के लिए भर्तियां नहीं कर रही हैं। इससे दुनियाभर में टेक कंपनियों में कौशल वाले कर्मचारियों की कमी 16 साल के उच्च स्तर पर पहुंच गई है।
घटी कमाई ने बढ़ाया सिरदर्द
कोरोना महामारी के दौरान भारी कमाई करने वाली दिग्गज टेक कंपनियों को चालू वित्त वर्ष की दूसरी तिमाही में बड़ा झटका लगा है। गूगल की पेरेंट कंपनी अल्फाबेट को लगातार दूसरी तिमाही में उम्मीद से कम कमाई हुई है। इस दौरान कंपनी का मुनाफा 2021-22 की दूसरी तिमाही के 18.5 अरब डॉलर से घटकर 16 अरब डॉलर रह गया। इसके अलावा, कंपनी के राजस्व बढ़ने की दर 62 फीसदी से घटकर 13 फीसदी रह गई।
- मेटावर्स के राजस्व में पहली बार किसी तिमाही में गिरावट आई। इस दौरान मुनाफे में भी 36 फीसदी की कमी दर्ज की गई।
- ट्विटर का राजस्व भी 11 फीसदी घट गया, जबकि माइक्रोसॉफ्ट की कमाई की रफ्तार भी धीमी पड़ गई।
40% कर्मचारी दो साल से कम पुराने
भारत में टेक कंपनियों के कर्मचारियों में 40 फीसदी दो साल से कम पुराने हैं। इसका मतलब है कि यहां भी कर्मचारियों का आना-जाना जारी है।