अगर आपने समय पर अपना स्रोत पर कर कटौती (टीडीएस) का रिटर्न दाखिल नहीं किया तो प्रतिदिन 200 रुपये लेट फी के साथ एक लाख रुपये तक भारी जुर्माना भरना पड़ सकता है। इससे बचने के लिए समय पर टीडीएस रिटर्न जरूर भरें। 2022-23 की पहली तिमाही (अप्रैल-जून) के लिए टीडीएस रिटर्न भरने की अंतिम तारीख 31 जुलाई है।
देरी से टीडीएस भरने पर आयकर अधिकारी सबसे पहले आपसे लेट फी वसूलता है और उसके बाद जुर्माना। जुर्माना भी न्यूनतम 10,000 रुपये से लेकर अधिकतम एक लाख रुपये तक। इतना ही नहीं, देरी से टीडीएस रिटर्न भरने पर आयकर विभाग आपके सभी तरह के क्लेम खत्म कर सकता है। इसका मतलब आपको टीडीएस से जुड़े क्लेम का लाभ नहीं मिलेगा। टीडीएस रिटर्न हर तिमाही खत्म होने के बाद आने वाले महीने की आखिरी तारीख तक भर जाना चाहिए। इसका मतलब है कि अप्रैल-जून तिमाही का रिटर्न 31 जुलाई तक, जुलाई-सितंबर तिमाही का रिटर्न 31 अक्तूबर तक, अक्तूबर-दिसंबर तिमाही का रिटर्न 31 जनवरी तक और जनवरी-मार्च तिमाही रिटर्न 31 मई तक भरा जाना चाहिए।
ऐसे समझें हर दिन लेट फी की गणना का गणित
मान लीजिए, वित्त वर्ष 2022-23 की पहली तिमाही के लिए आपने टीडीएस रिटर्न 4 अप्रैल, 2023 को दाखिल किया। इस बीच, उस तिमाही के लिए आपका टीडीएस क्लेम 8.40 लाख रुपये था। चूंकि, आपने टीडीएस रिटर्न दाखिल करने में 247 दिनों की देरी की है। इसलिए आयकर कानून की धारा 234ई के तहत आपको कुल 49,000 रुपये (247 दिन गुना 200 रुपये) लेट फी का भुगतान करना होगा।
लेट फी की रकम आपकी टीडीएस राशि से कम है। इसलिए आपको रिटर्न भरने से पहले कुल 49,000 रुपये शुल्क का भुगतान करना होगा।
दस्तावेज जरूरी
टीडीएस का रिटर्न दाखिल करने के लिए आयकरदाता को फॉर्म 16/16ए की जरूरत होती है। यह किसी भी तरह की आय पर टैक्स की कटौती का प्रमाणपत्र होता है।
nइसमें कर्मचारी के बदले नियोक्ता द्वारा भरे गए टैक्स की जानकारी होती है। करदाता टीडीएस, टीसीएस, एडवांस टैक्स का फॉर्म 26एएस से भी मिलान कर सकता है।