कोरोना के बढ़ते मामलों के बीच दुनियाभर में मंकीपॉक्स का खतरा भी बढ़ता जा रहा है। वर्ल्ड हेल्थ नेटवर्क (WHN) ने इस बीमारी को महामारी यानी Pandemic घोषित कर दिया है। डेटा के मुताबिक अब तक 58 देशों में 3,417 मरीजों की पुष्टि हो चुकी है। इसका पहला केस ब्रिटेन में 6 मई को आया था।
WHN एक ऐसा नेटवर्क है, जिससे कई देशों के सैंकड़ों वैज्ञानिक और हेल्थ एक्सपर्ट्स जुड़े हैं। यह ग्लोबल, नेशनल और लोकल लेवल पर महामारी को पहचानकर उसके सॉल्यूशन पर काम करता है।
WHO जल्द घोषित कर सकता है इमरजेंसी
मंकीपॉक्स को पब्लिक हेल्थ इमरजेंसी घोषित करना चाहिए या नहीं, इस पर गुरुवार को विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) की भी बैठक हुई। वॉशिंगटन पोस्ट की रिपोर्ट के अनुसार, WHO अधिकारी शुक्रवार को यह फैसला ले सकते हैं। अगर ऐसा होता है तो दुनियाभर की सरकारों को मंकीपॉक्स के संक्रमण से बचने के लिए एक्शन लेना होगा।
करीब 800 मामलों के साथ ब्रिटेन टॉप पर
मंकीपॉक्स यूरोप समेत कई महाद्वीपों में फैल चुका है। ब्रिटेन में अब तक तकरीबन 800 मामले सामने आ चुके हैं, जिसके बाद इसे बीमारी का एपिसेंटर माना जा रहा है। यूके हेल्थ सिक्योरिटी एजेंसी (UKHSA) की मानें तो ब्रिटेन में केवल 5 दिन में मंकीपॉक्स के मामलों में 40% इजाफा हुआ। जहां 16 जून तक 574 केसेज रिकॉर्ड किए गए थे, वहीं 20 जून तक आंकड़ा बढ़कर 793 हो गया।
ब्रिटेन के बाद स्पेन, जर्मनी और पुर्तगाल में मंकीपॉक्स के सबसे ज्यादा मामले हैं। बीमारी से अब तक एक मरीज की मौत हुई है। फिलहाल भारत में इसका एक भी मामला दर्ज नहीं हुआ है।
मरीजों के सीमेन में मिला मंकीपॉक्स वायरस
मंकीपॉक्स आउटब्रेक की शुरुआत में WHO ने आशंका जताई थी कि शायद यह वायरस सेक्सुअल कॉन्टैक्ट के जरिए MSM पुरुषों में फैल रहा है, जिसके बाद यूरोप में हुई एक रिसर्च में भी इस बात के सबूत भी मिले थे। MSM पुरुष वे पुरुष हैं जो पुरुषों के साथ यौन संबंध बनाते हैं।