हाल ही में अबूधाबी में गैर मुस्लिम लोगों को लेकर एक कानून पास किया गया है. यह एक सिविल लॉ है, जिसमें गैर मुस्लिम लोगों की शादी, तलाक और जॉइंट चाइल्ड कस्टडी को लेकर बदलाव किया गया है. इस बदलाव के बाद काफी शादी को लेकर काफी परिस्थितियां बदल गई है.
दरअसल, पहले क्या होता था कि यहां गैर मुस्लिम को शादी करने के लिए अपने देश की एंबेसी या कॉन्सुलेट में जाना होता था. इसके पीछे यह वजह मानी जाती थी कि एंबेसी दूसरे देश की ही जमीन मानी जाती है और वहां शादी की जाती थी. इससे मतलब हुआ कि शादी अबूधाबी में नहीं हुई है. हालांकि, अब इसमें बदलाव किया गया है.
यह बदलाव यहां के नियमों में फ्लेक्सिबिटी लाने के लिए किया गया है और इससे उन्हें न्यायिक फायदा भी मिलेगा और लोग यहां आना पसंद करते हैं. इससे गैर मुस्लिम लोगों के अधिकारों को रक्षा मिलेगी और अलग अलग तरह की संस्कृति देश में समाहित होगी.
क्या होगा बदलाव?
इन कानूनों में बदलाव के बाद अब उन्हें अबूधाबी की जमीन पर शादी करने की अनुमति मिलेगी. इसके अलावा गैर-मुस्लिम लोगों के शादी से जुड़े मामलों के लिए खास कोर्ट भी बनाई जाएगी. यहां अरेबिक के साथ अंग्रेजी भाषा में फंक्शन करेगी, जिससे बाहरी देश के लोगों को कई अधिकार दी जाएगी. इसके अलावा इस कानून में 20 आर्टिकल है और पांच चैप्टर हैं. इन चैप्टर में शादी करने का तरीका, तलाक, बच्चे की कस्टडी, प्रॉपर्टी आदि को लेकर नए नियम बदले गए हैं.
– अभी तक यहं मुस्लिम ही शादी कर सकते थे और गैर मुस्लिम को एंबेसी(Embassy) में जाना पड़ता था. साथ ही पहले शादी के लिए लड़के को मुस्लिम होना आवश्यक था, भले ही महिला ना हो. अब इस भेदभाव को खत्म कर दिया गया है.
– अब शादी करने वाले महिला-पुरुष से ही इजाजत लेनी होगी जबकि पहले महिला को अभिवावकों से परमिशन लेनी पड़ती थी.
– पहले तलाक लेने के लिए फिजिकल हार्म दिखाना होता था और उसके आधार पर तलाक दिया जाता था. लेकिन अब कोई भी महिला आराम से पति से तलाक ले सकती है. इसके अलावा उन्हें फैमिली गाइडेंस कोर्ट से गुजरना पड़ता था.
– पहले बच्चे सिर्फ मदर की कस्टडी में ही रहते थे, लेकिन अब इसमें बदलाव कर दिया है और दोनों को बराबर अधिकार दिया गया है. ऐसे में अब अबूधाबी कई तरह से नियमों में बदलाव करके आजादी दे रहा है