काठमांडू (ब्यूरो)- नेपाल में सियासी संकट के बीच एक बार फिर से बाजी पलट गई है। संसद में विश्वासमत हासिल नहीं कर पाने के बावजूद केपी शर्मा ओली ने फिर से प्रधानमंत्री की कुर्सी हासिल कर ली। जानकारी के मुताबिक गुरुवार को विपक्ष बहुमत हासिल करने में असफल रहा, जिसके चलते ओली को फिर से प्रधानमंत्री नियुक्त कर दिया गया।
इससे पहले सोमवार को हुए विश्वास प्रस्ताव के दौरान कुल 232 सदस्यों ने मतदान किया था जिनमें से 15 सदस्य तटस्थ रहे। ओली को 275 सदस्यीय प्रतिनिधि सभा में विश्वासमत जीतने के लिए 136 मतों की जरूरत थी क्योंकि चार सदस्य इस समय निलंबित हैं। हालांकि, उन्हें सिर्फ 93 वोट मिले थे और वह बहुमत साबित नहीं कर सके थे। इसके बाद संविधान के आधार पर उनका PM पद चला गया था।
इसके बाद विपक्षी दलों ने राष्ट्रपति बिद्या देवी भंडारी से नई सरकार के गठन की प्रक्रिया शुरू करने की अपील की थी। भंडारी ने सभी पार्टियों से बहुमत की सरकार बनाने का दावा पेश करने के लिए कहा था और प्रधानमंत्री पद के उम्मीदवार का नाम गुरुवार रात 9 बजे तक देने को कहा था।