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- लॉकडाउन से सिमट रहा है कंपनीज का ऑपरेशन
- ओयो, ब्लैकबक, भारत पे जैसी कंपनियों का समावेश
पंजाब मीडिया न्यूज़
Apr 25, 2020, 02:01 PM IST
मुंबई. भारत में स्टार्टअप्स में काम कर रहे कर्मचारियों में निराशा घर कर रही है क्योंकि कॉविड-19 प्रकोप को रोकने के लिए लॉकडाउन चालू है और कंपनियों का परिचालन सिमट रहा है जिससे लोगो की नौकरियां भी खतरे में आ गई हैं। पिछले चार हफ्तों में, कम से दो दर्जन टॉप कंपनियों के कर्मचारियों और कॉन्ट्रैक्ट कर्मचारियों को निकाल दिया गया है। इनमें प्रमुख कंपनियों में ओयो, ब्लैकबक, भारतपे, एक्को, फैब होटल्स, जोलो स्टे, ट्रीबो, उड़ान और होमलेन शामिल हैं। आश्चर्य यह है कि कुछ लोगों की नौकरी जाहिर तौर पर ऐसा ना करने के बावजूद जा रही हैं।
शब्दों को महत्व नहीं दे रही हैं कंपनीज
विनाश कुमार मेहता को सोशल कॉमर्स कंपनी मीशो के सीईओ ने हाल ही में एक ऑलहैंड्स मीटिंग में बताया था कि स्टॉफ को अपनी नौकरी की चिंता करने की जरूरत नहीं है। उन्होंने कहा, यह आश्वासन ज्यादा देर तक नहीं चला। “अचानक, कल कर्मचारियों को फोन आने लगे और प्रबंधन ने हमें अपना इस्तीफा सौंपने के लिए मजबूर कर दिया। मेहता ने लिंक्डइन पर एक पोस्ट में कहा, मेरे पास सिर्फ मीशो के सीईओ से एक सवाल है-आप अपने शब्दों को महत्व नहीं देते तो कर्मचारी आप पर कैसे भरोसा करेंगे?
इस महीने की शुरुआत में, Meesho ने लागत में कटौती का हवाला देते हुए 150 लोगों को नौकरी से निकाल दिया था जिसे सभी लोग हतप्रभ हो गए थे।
ईमेल प्राप्त होने के बाद तुरंत इस्तीफा दें
बताया जा रहा है कि फर्म ने कर्मचारियों से कहा कि वे ईमेल प्राप्त होने के मिनटों के भीतर अपना इस्तीफा भेंजे। एक अन्य मिडल लेवल के कार्यकारी ने कहा कि, हम सिर्फ इसलिए स्तब्ध थे क्योंकि कंपनी ने वादा किया था कि उसके पास कंपनी को 20 महीने तक चलाने के लिए पर्याप्त पैसा है। Big.Jobs द्वारा साझा किए गए आंकड़ों के मुताबिक बाउंस, लिवस्पेस, एग्रोस्टार, बुकमायशो और रूम जैसे अन्य ने वेतन में कटौती की है। यह वेतन कटौती 15 प्रतिशत से लेकर 50-70 प्रतिशत तक है।
सरकार की लगातार अपील, छंटनी से परहेज करें कंपनीज
91 स्प्रिंगबोर्ड और ग्रोफर जैसी कुछ कम्पनी ने अपने कुछ कर्मचारियों को बेंच पर बिठा रखा है। सरकार लगातार कंपनियों से आग्रह कर रही है कि वे आर्थिक संकट से निपटने के साथ छंटनी और वेतन कटौती से परहेज करें। स्टार्टअप कंपनी में कुछ कर्मचारियों के वेतन में कटौती की गई है और कुछ को नौकरी से निकाल दिया गया है। सभी फर्मों में एक आम चिंता पसरी हुई है और साथ ही एक डर भी। साथ ही कमजोर मार्केट में अच्छा परफॉर्मेंस देने के लिए दबाव है।
टूट रहा है लोगों का सामाजिक संपर्क
राइड हेलिंग कंपनी में काम करने वाले एक मिडलेवल कर्मचारी जिसे खुद अपनी नौकरी के बारे में संदेह है कि कब उसकी छंटनी हो, ने कहा कि “यह तो कुछ इस तरह है कि आप किसी रास्ते पर धीरे-धीरे जा रहे हैं और अचानक कोई पीछे से पैर मार दे,”। वे कहते हैं, “नौकरी जाने का डर लोगों का इसलिए भी बढ़ गया है कि लॉक डाउन के चलते लोग अपने अपने घरों में कैद हैं और उनका सामाजिक संपर्क टूट गया है।”
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