Coronavirus India: Share Market of India loss of Rs 52 lakh crore from Corona in stock market including Mukesh Ambani and Adani Group
Coronavirus India: शेयर बाजार में बिकवाली की आंधी से अबतक 52 लाख करोड़ रुपये स्वाहा हो चुके हैं, जो देश की जीडीपी का आधा है। इस आंधी में सबसे ज्यादा नुकसान अरबपति Mukesh Ambani को हुआ है।
कोरोना वायरस के प्रकोप की वजह से शेयर बाजार को हो रहे नुकसान की रफ्तार थमने का नाम नहीं ले रही। बीते कुछ हफ्तों के भीतर बाजार में 52 लाख करोड़ रुपये स्वाहा हो चुके हैं। शेयर बाजार के इतिहास में शायद ही इतने कम अंतराल में इतना बड़ा नुकसान हुआ होगा। आंकड़ा कितना बड़ा है इसका अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि यह नुकसान बीते वित्त वर्ष में देश के सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) का आधा है।
राजकोषीय घाटे के 7 गुने के बराबर
बंबई स्टॉक एक्सचेंज (BSE) पर सूचीबद्ध कंपनियों की कुल बाजार पूंजी 52 लाख करोड़ रुपये घट गई है, क्योंकि 31 दिसंबर, 2019 को कंपनियों की कुल बाजार पूंजी 155.33 लाख करोड़ रुपये थी, जो 23 मार्च, 2020 को घटकर महज 103 लाख करोड़ रुपये ही रह गई है। कंपनियों को हुआ यह नुकसान भारत के वित्त वर्ष 2020 के लिए संशोधित राजकोषीय घाटा 7.67 लाख करोड़ रुपये के सात गुने के बराबर है।
सिर्फ सोमवार को ही शेयर बाजार में बिकवाली की आंधी में 14.22 लाख करोड़ रुपये स्वाहा हो गए, जो अल्जीरिया की जीडीपी से ज्यादा और 130 अन्य देशों की जीडीपी से अधिक है। सोमवार को शेयर बाजार में अब तक की सबसे बड़ी गिरावट देखी गई। सेंसेक्स 3,935 अंक लुढ़ककर तीन साल के निचले स्तर 25,981 पर पहुंच गया तो निफ्टी 1,135 अंक लुढ़ककर चार साल के निचले स्तर 7,610 पर बंद हुआ।
विश्लेषकों का मानना है कि यह मान लें कि बाजार अब इससे नीचे नहीं जा सकता है, तो यह भूल होगी। उन्होंने आशंका जताई है कि निफ्टी 7,200-6,200 के स्तर तक पहुंच सकता है।
Corona से बाजार में हाहाकार
देश में 23 मार्च तक कोरोना वायरस के कुल 415 मामले सामने आ चुके हैं और इसके प्रकोप को फैलने से रोकने के लिए देश के अधिकतर हिस्सों को लॉकडाउन कर दिया गया है। कोरोना वायरस का प्रकोप बढ़ने की वजह से निवेशकों में जिस तरह डर का माहौल है, उससे तो यही लगता है बाजार में गिरावट का दौर बना रहेगा और इससे साल 2008 में आई मंदी की याद ताजा हो गई है।
44 सत्रों में ही 37% की गिरावट
महज 44 सत्रों में ही बेंचमार्क इंडेक्स में 37% की गिरावट आ चुकी है, जिसका तात्पर्य यह है कि महज 44 दिनों में देश के सालाना जीडीपी का 40% स्वाहा हो गया। बाजार में जिस रफ्तार से गिरावट हो रही है, वैसा पहले कभी नहीं देखा गया। साल 2008 में बेंचमार्क इंडेक्स 200 सत्रों में 66% गिरा था, जबकि साल 2011 में 275 सत्रों में 28% की गिरावट देखी गई थी। बीएसई पर सूचीबद्ध कंपनियों को जो घाटा हुआ है, उसमें लार्जकैप स्टॉक्स के 25.96 लाख करोड़ रुपये, जबकि मिडकैप तथा स्मॉलकैप्स शेयरों को सात-सात लाख करोड़ रुपये डूबे हैं।
बाजार को जो भी नुकसान हुआ है वह इक्विटी वेल्थ है और यह वित्त वर्ष 2019-20 की रीयल जीडीपी (कॉन्सटैंट प्राइस पर) 146.84 लाख करोड़ रुपये का 40% तथा नॉमिनल जीडीपी (करेंट प्राइस पर) 203.85 लाख करोड़ रुपये का 28.4% है।
Corona की आंधी से नहीं बचा कोई
बिकवाली की आंधी से छोटे से छोटे निवेशकों से लेकर अरबपतियों तक को चूना लगा है। ब्लूमबर्ग बिलिनेयर इंडेक्स के मुताबिक, इस साल अब तक देश के 14 शीर्ष अरबपतियों को लगभग 4 लाख करोड़ रुपये का चूना लग चुका है। सिर्फ शीर्ष दो अरबपतियों को ही अकेले 1.85 लाख करोड़ रुये का चूना लगा है। मुकेश अंबानी की कुल संपत्ति 1.47 लाख करोड़ रुपये घट गई है। तेल की मांग पर कोरोना वायरस प्रकोप के असर को लेकर रिलायंस इंडस्ट्रीज के शेयरों में पिछले साल की इसी अवधि के मुकाबले 41% की गिरावट आई है।
दिग्गज उद्योगपति और उनकी कुल संपत्ति में कमी
उद्योगपति | संपत्ति में कमी |
मुकेश अंबानी | 1.47 लाख करोड़ रुपये |
लक्ष्मी निवास मित्तल | 35,000 करोड़ रुपये |
गौतम अडाणी | 32,200 करोड़ रुपये |
अजीम प्रेमजी | 31,360 करोड़ रुपये |
उदय कोटक | 29540 करोड़ रुपये |
शिव नाडर | 25,200 करोड़ रुपये |
आर्सेलर मित्तल के सीईओ Laxmi Nivas Mittal की कुल संपत्ति में 35,000 करोड़ रुपये की कमी आई है, वहीं अडाणी समूह के Gautam Adani को 32,200 करोड़ रुपये, आईटी क्षेत्र की दिग्गज कंपनी विप्रो Wipro के फाउंडर अजीम प्रेमजी की संपत्ति में 31,360 करोड़ रुपये, कोटक महिंद्रा बैंक Mohindra Bank के उदय Kotak की संपत्ति में 29,540 करोड़ रुपये तथा HCL के शिव नाडर की कुल संपत्ति में 25,200 करोड़ रुपये की कमी आई है।
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