अगर आपको शेयर मार्किट की अच्छी जानकारी नहीं है या आपको शेयर मार्किट का रिस्क नहीं लेना है और पैसे भी कमाने है तो म्यूच्यूअल फण्ड आपके लिए एक अच्छा ऑप्शन है क्यूंकि ये प्रोफेशनल लोगो के द्वारा मैनेज किया जाता है
म्यूचुअल फंड मतलब एक ऐसा फण्ड जिसमे बहुत सारे लोगो का पैसा होता है और कंपनी उन पैसों को बहुत जगहों पर निवेश करती है. कई जगहों पर निवेश की वजह से इसमें रिस्क कम हो जाता है क्यूंकि अगर एक कम्पनी में नुकसान होता है तो दूसरी में फायदा हो सकता है. म्यूचुअल फंड में कई निवेशकों का पैसा एक जगह जमा किया जाता है और इस फंड में से बाज़ार में निवेश किया जाता है। म्यूचुअल फंड को एसेट मैनेजमेंट कंपनियों (AMC) द्वारा मैनेज किया जाता है।
म्यूचुअल फंड में कोई भी निवेश कर सकता है। न्यूनतम 500 रुपए तक का निवेश कर सकते हैं। भारतीय निवासी और NRI दोनों म्यूचुअल फंड में निवेश कर सकते हैं। आप अपने जीवनसाथी या बच्चों के नाम पर भी निवेश कर सकते हैं। यदि आपका बच्चा नाबालिग है (18 वर्ष से कम), तो उसके नाम पर निवेश करते समय आपको अपनी जानकारी देनी होगी। जब तक वह 18 वर्ष का नहीं हो जाता है, तब तक आप खाते को मैनेज करेंगें। यहाँ तक कि पार्टनरशिप कम्पनियाँ, LLP, ट्रस्ट और कंपनियां भी म्यूचुअल फंड में निवेश कर सकते हैं।
जो लोग शेयर बाजार में निवेश के बारे में बहुत कुछ नहीं जानते, उनके लिए म्यूचुअल फंड (Mutual Fund) निवेश का अच्छा विकल्प है. निवेशक अपने वित्तीय लक्ष्य के हिसाब से Mutual Fund स्कीम चुन सकते हैं
देश में कितने तरह के म्यूचुअल फंड हैं?
- इक्विटी म्यूचुअल फंड
- डेट म्यूचुअल फंड
- हाइब्रिड म्यूचुअल फंड
- सॉल्यूशन ओरिएंटेड म्यूचुअल फंड
- इक्विटी म्यूचुअल फंड
ये स्कीम निवेशकों की रकम को सीधे शेयरों में निवेश करती हैं. छोटी अवधि में ये स्कीम जोखिम भरी हो सकती हैं, लेकिन लंबी अवधि में इससे आपको बेहतरीन रिटर्न कमाने में मदद मिलती है. इस तरह की Mutual Fund स्कीम में निवेश से आपका रिटर्न इस बात पर निर्भर करता है कि शेयर का प्रदर्शन कैसा है. जिन निवेशकों का वित्तीय लक्ष्य 10 साल बाद पूरा होना है, वे इस तरह की Mutual Fund स्कीम में निवेश कर सकते हैं. इक्विटी Mutual Fund स्कीम के भी 10 अलग प्रकार हैं.
- डेट म्यूचुअल फंड
ये Mutual Fund स्कीम डेट सिक्योरिटीज में निवेश करती हैं. छोटी अवधि के वित्तीय लक्ष्य पूरे करने के लिए निवेशक इनमें निवेश कर सकते हैं. पांच साल से कम अवधि के लिए इनमें निवेश करना ठीक है. ये Mutual Fund स्कीम शेयरों की तुलना में कम जोखिम वाली होती हैं और बैंक के फिक्स्ड डिपाजिट की तुलना में बेहतर रिटर्न देती हैं.
- हाइब्रिड म्यूचुअल फंड स्कीम
ये Mutual Fund स्कीम इक्विटी और डेट दोनों में निवेश करती हैं. इन स्कीम को चुनते वक्त भी निवेशकों को अपने जोखिम उठाने की क्षमता का ध्यान रखना जरूरी है. हाइब्रिड Mutual Fund स्कीम को छह कैटेगरी में बांटा गया है.
- सॉल्यूशन ओरिएंटेड स्कीम
Solution Oriented Mutual Fund स्कीम किसी खास लक्ष्य या समाधान के हिसाब से बनी होती हैं. इनमें रिटायरमेंट स्कीम या बच्चे की शिक्षा जैसे लक्ष्य हो सकते हैं. इन स्कीम में आपको कम से कम पांच साल के लिए निवेश करना जरूरी होता है.
- म्यूचुअल फंड के चार्ज
म्यूचुअल फंड स्कीम में होने वाले सभी खर्च को एक्सपेंस रेश्यो कहते हैं. एक्सपेंस रेश्यो से आपको यह पता लगता है कि किसी Mutual Fund के प्रबंधन में प्रति यूनिट क्या खर्च आता है. आम तौर पर एक्सपेंस रेश्यो किसी Mutual Fund स्कीम के साप्ताहिक नेट एसेट के औसत का 1.5-2.5 फीसदी होता है.