नानी-दादी की शादी की तस्वीरें, उनके परिधान और जेवरों को देखकर मुंह से ‘अहा’ निकल ही जाता है। यह जादू सदाबहार क्लासिक लुक का है। वैसा ही क्लासिक लुक पाने के लिए शादी के परिधान और जेवरों को बहुत ध्यान से चुनना जरूरी है। इसके अलावा दो और आधार हैं, जिनके बारे में शादी के मुख्य परिधान को तय करने से पहले सोचना चाहिए। पहला कि शादी के बाद के हर सुहाग पर्व या किसी बड़े अवसर पर आप उस परिधान को पहनना चाहेंगी और दूसरा, उसको अगली पीढ़ी को देना चाहेंगी। शादी के अवसर के परिधान चुनते समय इस बात का भी ध्यान रखें कि प्रयोग करने या नए चलन को अपनाने के चक्कर में ऐसा न हो कि सात-आठ साल बाद अपनी ही शादी की तस्वीरें देखकर लगे कि यह क्या चुन लिया था। दूल्हा-दुल्हन के लिए शादी की तैयारियों में असली काम कपड़ों, जेवर व अन्य एक्सेसरीज की खरीदारी का होता है।
दूल्हा क्या करे क्या न करें
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शादी के परिधान की खरीदारी करने जाते समय बहुत सारे लोगों के साथ न जाएं। शादी से कई महीने पहले ही अपना मुख्य परिधान न चुन लें। शादी के आस-पास के दिनों में लें। जरा भी अस्वस्थ हों, तो खरीदारी के लिए न जाएं। पीरियड्स के दिनों में पेट थोड़ा फूला रहता है और मन भी अच्छा नहीं रहता। इन दिनों में खासकर खरीदारी से गुरेज करें।
- बहुत सारे परिधानों को न आजमाएं। इससे असमंजस बढ़ेगा। जो बाज़ार बजट से बाहर हों, वहां न ही जाएं। वहां कुछ अच्छा लग गया, तो बजट बिगड़ेगा या मूड।
- लहंगा चुनते समय अपने व्यक्तित्व व शरीर के आकार का ध्यान जरूर रखें। साड़ी पहनने वाली हैं, तो बेहतरीन विचार है। अपने देश के हर राज्य की अपनी शानदार पारम्परिक साड़ियां हैं। बनारसी, कांजीवरम या घारचोला अपनी रेशमी चमक-दमक के कारण दुल्हनों की पसंद बनती हैं।
- शादी-रिसेप्शन के लिए अलग परिधान चुनें। फुटवेयर की हील मध्यम ऊंचाई की चुनें। डबल दुपट्टा इन दिनों चलन में है और हमेशा ही अच्छा लगता है। इसका चुनाव करते समय दोनों दुपट्टे डालकर देखें। तब ही लुक पूरा होगा और ड्रेस कैसी दिखेगी, यह समझ में आएगा। साड़ी के साथ भी दुपट्टे का मेल बैठा सकते हैं।
- कुंदन की जूलरी का चुनाव करें। इसमें चोकर हो या लंबे हार दोनों ही हमेशा जंचते हैं। दुल्हन के लुक में सोने के जेवर सबसे ज्यादा सजते हैं।
- यदि छोटा कद है, तो बहुत घेरदार लहंगे का चयन न करें, न ही वेल्वेट जैसा कपड़ा चुनें। शिफॉन, जॉर्जेट ठीक होंगे। हैल्दी हैं तो फिटिंग का लहंगा पहनने से बचें।
- मंझोले कद की दुल्हनें भी बहुत बड़े मोटिफ वाले लहंगे या साड़ी न चुनें। छोटे बूटे अच्छे लगेंगे। बहुरंगा परिधान भी कद को छोटा दिखाता है। इसलिए एक-सा रंग या एकाध रंग का मेल रखें। साड़ी चुनते समय ध्यान रखें कि बॉर्डर बहुत चौड़े न हों।
- शादी के परिधान को आजमाकर देखा ही जाता है, तस्वीरें भी लें। इससे लुक, कपड़े के रंग का चेहरे पर असर और उसका फॉल पता लग जाएगा। सौ बात की एक बात, बहुत लकदक दुल्हन के लिए ठीक तो लगती है, लेकिन यादगार रूप के लिए परिधान के प्रकार, उसकी कारीगरी और जेवरों व मेकअप में संतुलन रखें।
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कई बार होता है कि लड़के अलग लुक की चाह में फंकी ड्रेस या कुछ ऐसा पहन लेते हैं, जो मौके से बेमेल होता है। शादी के मौके पर पहनावे में गलतियां न हो इसलिए हम कुछ सुझाव लेकर आए हैं।
शादी के परिधान- शादी के कपड़ों में धोती-कुर्ता सदाबहार है। धोती के साथ सादा कुर्ता रोके, शगुन आदि रस्मों में जंचेगा और अगर शादी के लिए चुनना है, तो शेरवानी के साथ चुन सकते हैं। यदि कद अच्छा है तो शेरवानी के संग धोती फबेगी ही और सामान्य कद के हैं तो पजामा पहनें।
साफा जंचता है- जोधपुरी सूट, उस पर ब्रोच और एक माला के साथ सिर पर कलफ़दार साफे से दूल्हे के सजीलेपन में चार चांद लग जाते हैं। खासतौर पर लम्बे क़द के लड़कों पर यह खूब जमता है।
पठानी सूट के रंग निराले-मेहंदी-संगीत के लिए पठानी सूट की फबन बेहतरीन है। ये अच्छे शारीरिक गठन वाले दूल्हों पर जंचती है।
नेहरू जैकेट-रोके, सगाई और हल्दी जैसे पारम्परिक अवसरों पर सादे कुर्ते-पजामे पर नेहरू जैकेट पहनी जा सकती है। गुलाबी ठंड के दौर में यह परिधान अच्छा लगता है। जैकेट के लिए खिलता रंग चुनें। कुर्ता-पजामा सिल्क या सूती, एक से रंग का हो, तो ही जैकेट के साथ अच्छा लगता है।
सूट के विकल्प हैं- रिसेप्शन व कॉकटेल के लिए औपचारिक सूट चुन सकते हैं। बैचलर्स पार्टी और सगाई के लिए वेस्टकोट और रिसेप्शन के लिए टक्सेडो अच्छा विकल्प है।
जूते ऐसे हों- सूट आदि पहन रहे हैं तो सोबर जूते पहनें। शेरवानी या कुर्ते-पायजामे पर कॉन्ट्रास्ट में पॉइंटेड मोजड़ी पहनें। आगे से घुमावदार मोजड़ी भी जंचती हैं।
शेव कैसी करें- शादी-ब्याह के मौके पर क्लीन शेव हमेशा जंचता है। यदि दाढ़ी रखना चाहते हैं तो हल्की-सी ही रखें।
क्या न करें
- शेरवानी का रंग अलग-सा न हो जो पहनने के बाद अजीब-सा लगने लगे। कढ़ाई बूटेदार है तो बूटे बड़े न हों। सामान्य कद वाले शेरवानी में धोती का चयन न करें। इससे कद कम लगता है।
- दिन के कार्यक्रम में गहरे और चटख रंग वाले परिधान न पहनें। रात के प्रोग्राम के लिए हल्के रंगों का चयन न करें।
- पगड़ी दो रंगों में न लें। इनका फैशन एक समय के बाद चला जाता है।
- मोजड़ी पॉइंट पर फ्लैट न हो। इसके अलावा हल्के रंग में भी न लें, जो परिधान के संग सामान्य-सी लगें।