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- ब्रोकर्स हाउस को उम्मीद की आरबीआई दरों में कटौती कर सकता है
- कोविड-19 के कारण लॉकडाउन से होगा ज्यादा नुकसान
पंजाब मीडिया न्यूज़
May 08, 2020, 07:04 PM IST
मुंबई. ग्लोबल रिसर्च और ब्रोकिंग हाउस गोल्डमैन सैक्स और नोमुरा ने वित्त वर्ष 2020-21 में भारत के आर्थिक विकास अनुमानों में तेजी से कटौती की है। ब्रोकर्स कंपनियों को उम्मीद है कि कोविड-19 महामारी के कारण लॉकडाउन से होने वाले आर्थिक नुकसान को रोकने के लिए भारतीय रिजर्व बैंक दरों में तेजी से कटौती करेगा।
लॉकडाउन के बाद सुधरने में समय लगेगा
गोल्डमैन सैक्स के विश्लेषकों को उम्मीद है कि भारतीय अर्थव्यवस्था लॉकडाउन के विस्तार के बाद वित्त वर्ष 2021 में 0.4 प्रतिशत कम होगी। हालांकि आम राय में यह पहले 2.7 प्रतिशत थी। अप्रैल में उन्होंने वित्त वर्ष 21 में जीडीपी ग्रोथ के 1.6 फीसदी तक फिसलने की उम्मीद जताई थी। गोल्डमैन सैक्स के मुख्य एशिया-पैसिफ़िक अर्थशास्त्री एंड्रयू टिल्टन ने गुरुवार को एक रिपोर्ट में लिखा कि हम दूसरी तिमाही में जीडीपी में -20 प्रतिशत (तिमाही- वार्षिक) गिरावट की उम्मीद करते हैं। हालांकि हमने वर्ष के मध्य के बाद रिकवरी की अपनी उम्मीदों को अपग्रेड किया है। इसके मुताबिक तिमाही आधार पर 10 प्रतिशत और 14 प्रतिशत तिमाही के साथ क्रमशः तीसरी तिमाही और चौथी तिमाही में जीडीपी का लाभ हो सकता है।
खाद्य की कीमतों में हो सकती है कमी
टिल्टन ने वित्त वर्ष 21 के लिए एवरेज हैडलाइन सीपीआई मुद्रास्फीति का अनुमान लगाया है, जो आरबीआई का मध्यावधि लक्ष्य भी है। उनका मानना है कि शार्ट टर्म में खाद्य कीमतों में वृद्धि को ईंधन की कम कीमतों और आठ हफ्ते के लॉकडाउन द्वारा ऑफसेट किया जाएगा। गोल्डमैन सैक्स ने कहा कि पूरे साल के दौरान हम खाद्य कीमतों में कमी देखते हैं। जबकि अर्थव्यवस्था धीरे-धीरे ही ठीक होती है।
गोल्डमैन सैक्स को उम्मीद है कि आरबीआई अब और कैलेंडर वर्ष 2020 (Q3-2020) की तीसरी तिमाही के बीच दरों में 100 आधार अंक (बीपीएस) की कटौती करेगा। इस ब्रोकरेज ने पहले 50 बीपीएस की कटौती का अनुमान लगाया था।
फिस्कल डेफिसिट जीडीपी का 7 प्रतिशत हो सकता है
दूसरी ओर नोमुरा ने भारत के लिए अपने जीडीपी की वृद्धि के पूर्वानुमान को 2020 के लिए माइनस 5 प्रतिशत तक कम कर दिया है। हालांकि इसे बढ़ाकर 2021 के लिए 7.9 प्रतिशत (7.3 प्रतिशत पूर्वानुमान से) कर दिया है। नोमुरा को उम्मीद है कि केंद्र सरकार का फिस्कल डेफिसिट वित्त वर्ष 21 में जीडीपी के 7 प्रतिशत तक बढ़ जाएगा। यह 3.5 प्रतिशत के लक्ष्य से काफी ज्यादा है और 5.1 प्रतिशत के पहले के पूर्वानुमान से काफी अधिक है।
अब तक आरबीआई ने ठीक ठाक नीतिगत उपायों की घोषणा की है। 8 मई को ऑरोदीप नंदी के साथ एक रिपोर्ट में नोमुरा में प्रबंध निदेशक और मुख्य भारत अर्थशास्त्री सोनल वर्मा ने लिखा कि जो कुछ भी आवश्यक है, आरबीआई करने के लिए तैयार है। हमारा मानना है कि और अधिक राहत संभव है। जिसमें रेपो रेट में 75 बीपीएस की और कटौती हो सकती है।
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