Donald Trump USA Coronavirus | President Donald Trump On Novel Coronavirus COVID 19 Research; Says Heat Humidity Kills Virus
Punjab Media News: कोरोनावायरस पर काबू पाने के लिए दुनियाभर में शोध चल रहे हैं। इस बीच, अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प गुरुवार को कहा है कि कोरोना वायरस के गर्म और नम वातावरण में जिंदा रहने की संभावना कम रहती है। इसके लिए उन्होंने अमेरिकी डिपार्टमेंट ऑफ होमलैंड सिक्युरिटीज (डीएचएस) की रिपोर्ट का हवाला दिया।
ट्रम्प ने व्हाइट हाउस में प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान बताया कि डीएचएस के वैज्ञानिकों ने एक रिपोर्ट जारी की है। इसमें बताया कि वायरस विभिन्न तापमानों, जलवायु और सतहों पर कैसे प्रतिक्रिया करता है। उन्होंने बताया कि शोध में खुलासा हुआ कि इस संक्रमण के ठंडे और शुष्क मौसम में ज्यादा वक्त जिंदा रहने की संभावना होती है और गर्म और अधिक नमी वाले मौसम में यह जल्द खत्म हो जाता है। उन्होंने कहा कि मैंने पहले यह बात कही थी तब किसी ने गंभीरता से नहीं लिया, लेकिन अब इसकी पुष्टि हो रही है।
Donald Trump ने कहा ‘वायरस सूर्य की रोशनी में सतह और हवा में खत्म हो जाता है’
- अमेरिकी डिपार्टमेंट ऑफ होमलैंड सिक्युरिटीज में साइंस और टेक्नोलॉजी के प्रमुख बिल ब्रायन ने बताया, ‘जब यह संक्रमण तेज धूप के संपर्क में आता है तो यह खत्म हो जाता है। इसी तरह का हाल नमी वाले वातावरण में होता है।’ उन्होंने यह भी बताया कि इसोप्रोपाइल अल्कोहल भी इस वायरस को 30 सेकंड में मार देता है।
- ‘हमारे शोध में इसका भी पता चला कि यह वायरस सूर्य की रोशनी में सतह और हवा दोनों जगहों पर खत्म जाता है।’ ब्रायन ने इस पर भी जोर दिया कि हमारे यह परिणाम अभी शुरुआती दौर में हैं। हम लगातार जानकारी जुटाने की कोशिश कर रहे हैं।
Donald Trump ने कहा- हम वैक्सीन बनाने के बेहद करीब
- ट्रम्प ने गुरुवार को बताया कि हम कोरोना की वैक्सीन बनाने के बेहद करीब हैं। उन्होंने बताया कि हमारी लैब में दुनिया के सबसे महान वैज्ञानिक काम कर रहे हैं। जल्दी ही वैक्सीन हमारे पास होगी।
- उधर, चीन, जर्मनी और यूके ने भी वैक्सीन के इंसानों पर ट्रायल की बात की है। ब्रिटेन की ऑक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी ने कोरोनावायरस से लड़ने के लिए दवा तैयार की है और इसका इंसानों पर ट्रायल शुरू कर दिया गया है। वैज्ञानिकों का दावा है कि इस वैक्सीन में सफलता के 80% चांस हैं। इस दवा के ट्रायल प्रोग्राम के लिए करीब 187 करोड़ रुपए खर्च किए हैं। ब्रिटेन के स्वाथ्य मंत्री मैट हैनकॉक ने कहा कि आखिरकार हम दुनिया के पहले देश हैं, जिसने ऐसी दवा विकसित की है। हम इस जानलेवा वायरस की दवा ढूंढने के लिए अपना सबकुछ लगा देंगे।
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