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- वित्त मंत्रालय के आदेश के बाद केंद्र सरकार के कर्मचारियों और पेंशनरों को जून 2021 तक महंगाई भत्ते का भुगतान नहीं हो पाएगा
- राज्य सरकारें भी कर्मचारियों और पेंशनर्स का महंगाई भत्ता रोक सकती हैं, जिससे उन्हें करीब 82,566 करोड़ रुपए की बचत होगी
पंजाब मीडिया न्यूज़
Apr 24, 2020, 12:30 AM IST
नई दिल्ली. कोरोनावायरस संक्रमण के नकारात्मक आर्थिक असर को देखते हुए केंद्र सरकार ने केंद्रीय कर्मचारियों और पेंशनरों को 1 जनवरी 2020 से मिलने वाले अतिरिक्त महंगाई भत्ते पर रोक लगा दी है। केंद्र सरकार के इस फैसले से 1.13 करोड़ कर्मचारी और पेंशनर प्रभावित होंगे। इनमें करीब 48 लाख कर्मचारी और 65 लाख पेंशनर शामिल हैं। इस फैसले से केंद्र सरकार को वित्त वर्ष 2020-21 और 2021-22 में 37,530 करोड़ रुपए की बचत होगी। हालांकि, वित्त मंत्रालय ने साफ किया है कि मौजूदा दर पर महंगाई भत्ते का भुगतान होता रहेगा।
इसी प्रकार से केंद्र सरकार के पेंशनभोगियों को भी 1 जनवरी 2020 से दिए जाने वाले अतिरिक्त महंगाई राहत भत्ते का भी भुगतान नहीं किया जाएगा।
1 जुलाई 2020 से दी जाने वाली किस्त का भी भुगतान नहीं
वित्त मंत्रालय ने कहा है कि 1 जुलाई 2020 और 1 जनवरी 2021 से दिए जाने वाले महंगाई भत्ते और महंगाई राहत भत्ते का भी भुगतान नहीं किया जाएगा। इस प्रकार, केंद्र सरकार के कर्मचारियों और पेंशनरों को जून 2021 तक महंगाई भत्ते का भुगतान नहीं हो पाएगा। सरकार प्रत्येक 6 महीने के अंतराल पर महंगाई भत्ते में बदलाव करती है। बदलाव के बाद महंगाई भत्ता का भुगतान हर साल 1 जनवरी और 1 जुलाई से किया जाता है।
राज्य सरकारें भी रोक सकती हैं महंगाई भत्ता
केंद्र सरकार के फैसले के बाद राज्य सरकारें भी अपने कर्मचारियों और पेंशनर्स का महंगाई भत्ता रोक सकती हैं। यदि राज्य सरकारें ऐसा करती हैं तो इस मद में करीब 82,566 करोड़ रुपए की बचत होगी। इस प्रकार केंद्र और राज्य सरकारों को महंगाई भत्ते की मद में 1.20 लाख करोड़ रुपए की बचत होगी, जो कोरोना के खिलाफ जंग में काफी मदद करेगी।