जालंधर (ब्यूरो): महानगर में बहुत-से शॉपिंग मॉल्स हैं। इन मॉल्स में आप भी शॉपिंग करने आप भी जाते होंगे। जब आप शापिंग खत्म करते हैं तब आपको कैरी बैग के चार्जेज भी देने पड़े होंगे लेकिन जब आपने रैनक बाजार, शेखां बाजार, अटारी बाजार, माडल हाउस, गुड़ मंडी आदि इलाकों में दुकानों से सामान खरीदा होगा तब तो आपको दुकानदार ने फ्री कैरी बैग दिया होगा। वहां तो किसी दुकानदार ने आपसे कैरी बैग के पैसे नहीं वसूले होंगे। इसका सीधा अर्थ है कि शापिंग मॉल्स में कथित रूप से लूट मची हुई है। इसके खिलाफ उपभोक्ताओं को आवाज उठानी ही होगी।
आज हम आपको छोटी दुकान और बड़े शॉपिंग मॉल में अंतर बताने जा रहे हैं। हम हर रोज बाजार से खरीदारी करते हैं वह खरीदारी छोटी दुकान से की हो जा बड़े शॉपिंग मॉल से हम छोटी दुकान से वस्तु खरीदते हैं चाहे वह राशन, कपड़ा, सब्जी, फल रोजमर्रा जिंदगी का समान है।
दरअसल शॉपिग मॉल इसलिए भी लोग जाते हैं क्योंकि उन्हें एक ही जगह से सारा सामान मिल जाता है उन्हें अलग-अलग दुकानों पर नहीं जाना पड़ता हजारों लोग शॉपिंग करने जाते हैं।शहर के लोग भी जाते हैं गांव के लोग भी शॉपिंग करने जाते हैं करोड़ों रुपए की रोज खरीदारी करते हैं। पर कभी किसी के ध्यान में नहीं आता कि यह शॉपिंग मॉल वाले हमसे कैरी बैग के एक्स्ट्रा चार्ज क्यों करते हैं। कैरी बैग के रेट अलग-अलग शॉपिंग मॉल में अलग-अलग है। कहीं पर 5 से लेकर 10 तक कैरी बैग के चार्ज किए जाते हैं। मान लीजिए किसी ने 5000 की शॉपिंग की उसको 10 कैरी बैग एक्स्ट्रा लेने पड़े तो 10 के हिसाब से 100 के 10 कैरी बैग हुए। कई बार तो इसका कोई बिल नहीं दिया जाता जब के और सामान का बिल दिया जाता है। कई शॉपिंग मॉल में तो 12 से 15 तक का कैरी बैग भी है। स्थानीय लोगों के मन में सवाल है कि अगर छोटे दुकानदार कैरी बैग फ्री दे सकते हैं,तो फिर बड़े शॉपिंग मॉल वाले कैरी बैग फ्री क्यों नहीं दे सकते। सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार कुछ साल पहले ऐसा ही एक मामला सामने आया था, कुछ लोगों ने शॉपिंग मॉल की इस कथित लूट खसूट के खिलाफ आवाज उठाई थी। तब शॉपिंग मॉल पर ग्राहक ने कंज्यूमर कोर्ट में केस दायर किया था, कोर्ट ने फैसला ग्राहक के पक्ष में सुनाया था और शॉपिंग मॉल पर जुर्माना लगाया गया था, कैरी बैग के बहाने लोगों को लूटा जा रहा है अगर कोई ग्राहक कैरी बैग के पैसे नहीं देता तो उसको बिना कैरी बैग के समान लेकर जाना पड़ता है।