पंजाब मीडिया न्यूज़ (पंजाब): पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान ने राज्यपाल बनवारीलाल पुरोहित के दावों पर पलटवार किया है. शनिवार को प्रेस कॉन्फ्रेंस में बोलते हुए सीएम भगवंत मान ने राज्य में कानून-व्यवस्था की स्थिति को लेकर राज्यपाल द्वारा लगाए गए आरोपों को खारिज कर दिया और कहा कि पंजाब पूरी तरह से स्थिर है. इस बातचीत के दौरान भगवंत मान ने राज्यपाल को चुनौती देते हुए कहा कि अगर वह चाहें तो पंजाब में राष्ट्रपति शासन की सिफारिश कर सकते हैं. उन्होंने कहा कि यह कोई नई बात नहीं है क्योंकि राज्यपाल अक्सर ऐसे पत्र लिखते रहते हैं.
राज्यपाल के सवालों का जवाब
सीएम भगवंत मान ने खुलासा किया कि राज्यपाल ने 16 पत्र लिखे हैं, जिनमें से उन्होंने 9 पत्रों का जवाब दिया है, बाकी सवालों के जवाब भी तैयार कर लिए हैं. मान ने सवाल किया कि राज्यपाल ने उन छह विधेयकों पर हस्ताक्षर क्यों नहीं किए जो पिछले डेढ़ साल से लंबित हैं।
उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि राज्यपाल को पंजाब के घावों पर नमक नहीं छिड़कना चाहिए. भगवंत मान ने राज्यपाल पर निशाना साधते हुए दावा किया कि वह महज केंद्र सरकार के आदेशों का पालन कर रहे हैं.
राज्यपाल के साथ कोई समझौता नहीं
सीएम भगवंत मान ने प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान कहा कि वह राज्यपाल से कोई समझौता नहीं करेंगे. उन्होंने राज्य में आम आदमी पार्टी सरकार द्वारा उठाए गए महत्वपूर्ण नशा विरोधी प्रयासों और कानून एवं व्यवस्था के उनके प्रभावी प्रबंधन पर प्रकाश डाला। उन्होंने बताया कि पिछले ढाई साल में उन्होंने 2,318 ड्रग डीलरों को गिरफ्तार किया है और 23,516 एफआईआर दर्ज की हैं।
मणिपुर हिंसा पर सवाल उठा रहे हैं
मान ने मणिपुर पर सवाल उठाते हुए पूछा कि क्या उन्होंने राज्य को लेकर कोई बयान दिया है. उन्होंने सवाल किया कि क्या भारत का संविधान मणिपुर में लागू नहीं होता है. उन्होंने यह भी पूछा कि उन्होंने उत्तर प्रदेश के राज्यपाल को वहां की मौजूदा स्थिति के बारे में पत्र क्यों नहीं लिखा. उन्होंने राज्यपाल पर केवल भारतीय जनता पार्टी के हितों पर विचार करने का आरोप लगाया और उनकी सरकार द्वारा किए गए महत्वपूर्ण निवेशों पर प्रकाश डाला।
राज्यपाल की राष्ट्रपति शासन की चेतावनी
इससे पहले पंजाब के राज्यपाल बनवारी लाल पुरोहित ने मुख्यमंत्री भगवंत मान की सरकार पर संविधान के खिलाफ काम करने और उनके पत्रों का जवाब नहीं देने का आरोप लगाया था. राज्यपाल ने कहा था कि अगर मान ने उनके पत्रों का जवाब नहीं दिया तो वह राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू को पत्र लिखेंगे और राज्य में राष्ट्रपति शासन लगाने की सिफारिश करेंगे.
1 अगस्त को राज्यपाल ने भगवंत मान को पत्र लिखकर मुख्यमंत्री द्वारा दी गई जानकारी पर असंतोष जताया था. उसे लगा कि मान जानबूझकर उसके आदेशों की अवहेलना कर रहा है।