मुंबई (ब्यूरो)-: मुंबई पुलिस के असिस्टेंट पुलिस इंस्पेक्टर सचिन वाजे को राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) ने शनिवार (13 मार्च) की शाम 12 घंटे तक पूछताछ करने के बाद गिरफ्तार कर लिया। राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) ने रिलायंस इंडस्ट्रीज लिमिटेड के चेयरपर्सन मुकेश अंबानी के घर के पास विस्फोटक से भरे गाड़ी रखने की साजिश और गवाह मनसुख हिरेन की हत्या के आरोप में गिरफ्तार किया है। एंटीलिया केस को एनआईए को ट्रांसफर करने से पहले इस केस के सचिन वाजे प्रमुख जांचकर्ता थे। सचिन वाजे के खिलाफ आईपीसी की धारा 285, 465, 473, 506(2), 120 बी के तहत केस दर्ज किया गया है। उद्धव ठाकरे सरकार ने पिछले हफ्ते ही सचिन वाजे को मुंबई पुलिस क्राइम ब्रांच की क्राइम इंटेलिजेंस यूनिट से बाहर किया था। ऐसा पहली बार नहीं है जब सचिन वाजे विवादों में आए हों, इससे पहले भी वो इस तरह केस और विवादों में फंस चुके हैं। आइए जानें कौन हैं सचिन वाजे और कब-कब फंसे वो विवादों में? साजिश का मास्टरमाइंड कौन है?
अब एनआईए के सामने सबसे बड़ा चैलेंज सचिन वाजे से मास्टरमाइंड का नाम उगलवाना है. हालांकि आज सचिन वाजे की गिरफ्तारी को लेकर बॉम्बे हाईकोर्ट में सुनवाई हो सकती है. सचिन वाजे के वकील सनी पुनमिया ने गिरफ्तारी के खिलाफ हाईकोर्ट में अपील की है. इससे पहले एनआईए कोर्ट में भी सचिन वाजे के वकील ने कहा कि पूरा मामला शक के आधार पर है, इसलिए ये गिरफ्तारी पूरी तरह से गैरकानूनी है, क्योंकि वाजे के खिलाफ कोई सबूत भी नहीं हैं. जिसके जवाब में एनआईए ने कोर्ट में जांच से संबंधित कागजात और सीसीटीवी की जानकारी रखते हुए कहा कि यह एक बड़ी साजिश है, इसलिए गिरफ्तारी और रिमांड जरूरी है.
NIA की रडार में वाजे के फंसने की क्या वजह है?
इस मामले में एक अहम शख्स मनसुख सामने आया था. शुरुआती जांच के दौरान स्कॉर्पियों कार मनसुख के होने की बात सामने आई थी. मुंबई में इस मामले की जांच अपराध शाखा में पुलिस इंस्पेक्टर सचिन वाजे को सौंप दी गई. सचिन वाजे ने मनसुख से पूछताछ की थी, लेकिन इसके बाद मनसुख की संदिग्ध परिस्थितियों में मौत हो गई. इसके बाद मनसुख के परिजनों ने आरोप लगाया कि स्कॉर्पियो कार सचिन और उनकी टीम के पास ही थी.