Punjab media news : होशियारपुर के एक निजी अस्पताल में हैरान कर देने वाला मामला सामने आया है। जहाँ व्यक्ति को निजी अस्पताल ने इलाज के दौरान मुर्दा घोषित कर दिया था तो वही PGI चंडीगढ़ में पहुंच कर जिंदा हो गया और सही सलामत होकर घर लौट आया। घर लौटते ही होशियारपुर के गांव नंगल शहीदां के बहादुर सिंह ने अस्पताल के खिलाफ थाने में शिकायत दर्ज करवाई है।
बहादुर सिंह की पत्नी ने बताया कि उसके पति को नॉर्मल खांसी की शिकायत हुई थी। वह उन्हें लेकर होशियारपुर में राम कालोनी कैंप में एक निजी अस्पताल में ले आई। अस्पताल वालों ने गंभीर मामला बताते हुए उन्हें अस्पताल में भर्ती कर लिया और बाद में कहा कि बहादुर सिंह की मौत हो गई है, लेकिन उन्हें अस्पताल के डॉक्टरों की बात पर विश्वास नहीं हुआ। बहादुर सिंह को उसी समय एंबुलेंस में डाल PGI चंडीगढ़ में पहुंच गए। PGI में डॉक्टरों ने बहादुर सिंह को एक दिन भर्ती रखा और अगले दिन सही सलामत होने पर छुट्टी दे दी। अब बहादुर सिंह जिसे मुर्दा घोषित किया गया था वह अपनी पंचायत और परिजनों के साथ अस्पताल के बाहर पक्का धरना लगाकर बैठ गया है।
बहादुर के परिजनों ने कहा कि अस्पताल में डॉक्टरों ने पहले अपने सारे बिल भरवा लिए और बाद में कहा कि मरीज वेंटिलेटर हटाते ही मर जाएगा। सिर्फ वेंटिलेटर के सहारे जिंदा है। जब वेंटिलेटर हटा दिया तो वह बहादुर को एम्बुलेंस में डालकर PGI चंडीगढ़ ले गए। PGI तक बिना वेंटिलेटर सपोर्ट के ही पहुंच गया।
मरीज बहादुर सिंह के गले में पाइप डाली हुई थी। PGI ले जाते वक्त रास्ते में होश आया तो इशारा कर कापी पेन मांगा। गले में पाइप के कारण बोला नहीं जा रहा था। कापी पर लिखा उसके गले में जो पाइप डाली है उससे उसे तकलीफ हो रही है। PGI में डॉक्टरों को बताया तो उन्होंने पाइप निकाल दी और बोले कि इसकी जरूरत ही नहीं थी।
अस्पताल के बाहर धरना प्रदर्शन और माहौल तनावपूर्ण होता देख मौके पुलिस भी पहुंची। पुलिस को बहादुर सिंह ने अपनी पंचायत के साथ लिखित में शिकायत दी है और अस्पताल के खिलाफ कानूनी कार्रवाई करने को कहा है। थाना प्रभारी मॉडल टाउन हरप्रेम सिंह कहा कि बहादुर सिंह के परिजनों ने शिकायत दर्ज करवा दी है। पुलिस पहले सारे मामले की जांच करेगी। जांच में जो तथ्य सामने आएंगे. उनके आधार पर मामला दर्ज करेगी।