निगम यूनियन के पदाधिकारियाें ने वर्दी के पैसाें के भुगतान की मांग काे लेकर वीरवार सुबह 10:30 बजे कमिश्नर कैंप ऑफिस का घेराव कर दिया। माैके पर कमिश्नर ने मुलाजिमाें की मांगें सुनीं और गाड़ी में बैठकर जाने लगे तो मुलाजिमाें ने नारेबाजी शुरू कर दी।
इसके बाद निगम पैदल ही वहां से निकल गए। उनके पुलिस मुलाजिम भी उनके पीछे-पीछे चले गए। इसके बाद यूनियन के रिंपी कल्याण, राजन कल्याण, मनीष बाबा, अरुण कल्याण, विनाेद गिल, विक्रम कल्याण आदि निगम काॅम्प्लेक्स पहुंचे और कमिश्नर ऑफिस में धरने पर बैठ गए। दाेपहर 12 बजे मेयर जगदीश राज राजा भी पहुंच गए और मुलाजिमों के साथ जमीन पर बैठ गए।
मेयर ने आश्वासन दिया कि वर्दी के पैसाें का भुगतान काे लेकर निगम कमिश्नर से मीटिंग की जाएगी। इसके बाद मुलाजिमों ने धरना खत्म किया।
मीटिंग के बाद मिले वर्दी के चेक
नगर निगम में वीरवार की दाेपहर 2 बजे से मेयर जगदीश राज राजा, निगम कमिश्नर देविंदर सिंह ने यूनियन के पदाधिकारियाें के साथ मीटिंग की। इसमें 1864 सफाई सेवकाें को वर्दी का भुगतान करने पर सहमति बनी और शाम काे चेक बनाने का काम शुरू हाे गया। इस दाैरान यूनियन के पदाधिकारियाें ने कहा कि हर तीन वर्ष में सफाई सेवकाें काे वर्दी के पैसाें का भुगतान किया जाता है। इसलिए वर्दी का भुगतान किया जाए।
इस वजह से फंसा था यूनियन से पेंच
सफाई सेवकाें काे हर तीन वर्ष बाद वर्दी के पैसाें का भुगतान किया जाता है। हालांकि फाइलाें की जांच में पता लगा कि वर्ष 2021 में भुगतान किया था। इस वजह से वर्दी के पैसाें के भुगतान में आपत्ति लगी, लेकिन मीटिंग में यूनियन ने अवगत कराया कि वर्ष 2021 में पुराना भुगतान किया था। अब सफाई सेवकाें काे वर्दी के पैसाें का भुगतान कर दिया है। इसके लिए मुलाजिमाें से लिखित में लिया है कि अब वर्ष 2025 में ही वर्दी के पैसाें का भुगतान किया जाएगा। इसके बाद मामला सुलझा लिया गया।-देविंदर सिंह, निगम कमिश्नर
शहर के विकास कार्यों को लेकर विधायक परगट सिंह निगम काॅम्प्लेक्स में कमिश्नर देविंदर सिंह के साथ मीटिंग के लिए पहुंचे, लेकिन कमिश्नर नहीं आए। विधायक ने काॅल की तो उन्होंने शहर से बाहर होने की बात कही। आखिर मेयर जगदीश राजा व विधायक परगट सिंह ने अधिकारियों के साथ टूटी सड़कों, एलईडी लाइटाें की मेंटेनेंस, पार्काें के साैंदर्यीकरण समेत अहम बिंदुओं पर मीटिंग की।
उन्होंने सड़कों के बंद पड़े काम को शुरू करने पर जाेर दिया। खराब एलईडी लाइटों पर सही जवाब न मिलने पर नाराजगी जताई। माैके पर विधायक ने एसई से पूछा ताे काेई संताेषजनक जवाब नहीं मिला। मेयर राजा ने क्लियर कहा कि कमिश्नर उनकी सुनते नहीं हैं।
नगर निगम ने ओएंडएम, बीएंडआर और हेल्थ विभाग के काॅन्ट्रैक्टरों की भुगतान की फाइलें पेडिंग हैं। ऐसे में काॅन्ट्रैक्टरों ने सड़काें के निर्माण, पेयजल लाइन, सीवर लाइन, पार्काें के साैंदर्यीकरण के काम तीन महीने से बंद पड़े हैं।
वहीं शहर में मेन सीवर लाइन की सफाई नहीं हाेने से हर वार्ड में सीवर ओवर फ्लाे की समस्या बनी है। वीरवार की सुबह दस बजे विधायक परगट सिंह निगम में अधिकारियाें के साथ मीटिंग काे पहुंचे। उन्होंने कहा कि शहर में क्षतिग्रस्त सड़काें का निर्माण बंद है।
काॅन्ट्रैक्टरों के भुगतान की फाइलें पेडिंग हैं, जिस कारण उन्होंने काम बंद कर दिया है। सरकार को यहां नया कमिश्नर तैनात कर देना चाहिए। इस संबंध में नगर निगम कमिश्नर देविंदर सिंह ने कहा कि निगम में फाइलें पेडिंग नहीं हैं। इसके लिए अधिकारियाें काे भी आदेश दिए हैं कि सभी ब्रांचाें की फाइलाें काे प्राथमिकता के हिसाब से प्राेसिस किया जाए। यदि जनप्रतिनिधयाें की फाइलें पेंडिंग हैं, ताे रिपाेर्ट लिखित में दी जाए। इस पर तुरंत कार्रवाई की जाएगी।