जालंधर (PMN): सीवरेज का हाल बताने के लिए यह तस्वीर काफी है। वैसे तो प्रशासन दावे करता है कि मानसून से पहले पूरे प्रबंध कर लिए गए हैं, लेकिन ये तस्वीर उन तमाम दावों की पोल खोल रही है। ये फोटो जालंधर के मदन फ्लोर मिल चौक की है, जहां पर सीवरेज जाम होने के कारण निगम कर्मी कृष्ण कुमार को ऑक्सीजन लगाकर (जैसे समंदर में जाते हैं) मैनहोल में घुसना पड़ा। दरअसल इस चौक पर बहुत सी खाने-पीने की दुकानें हैं, जिसके चलते आए दिन यहां सीवरेज जाम रहता है।
यह तस्वीर तब की जब शहर में मानसून ने पूरी तरह से दस्तक नहीं दी है। अगर बादल बरसे तो इस बार नगर निगम के अधिकारी अपनी कारगुजारी को लेकर पानी-पानी हों या ना हों, लेकिन शहर का एक बार फिर ‘पानी-पानी’ होना तय है। हल्की सी बरसात व सीवर लाइनों की स्थिति ने नगर निगम अधिकारियों को दिखा दिया कि मानसून शहर को डुबोकर ही दम लेगा।
मानसून के समय से पहले आने के अनुमान की लगातार घोषणा के बावजूद भी न तो मेयर जागे, न उनकी टीम और न ही अधिकारी। शहर में सीवरेज व्यवस्था चरमराई हुई है। खासकर गंदे नाले के आसपास की कॉलोनियों ज्यादा प्रभावित होंगी। इससे जालंधर वेस्ट और जालंधर नॉर्थ के लोग भड़क सकते हैं। इन इलाकों में सीवरेज ट्रीटमेंट प्लांट की क्षमता काफी कम होने के कारण कई इलाके सीवरेज बैक मारने की समस्या से जूझ रहे हैं और यहां सड़कों पर गंदा पानी जमा है। कांग्रेस के लिए यह समस्या भी परेशानी पैदा करने वाली है।