दान देते वक्त अफसरों के साथ फोटो खिंचवाने के शौकीन दानवीरों से डीसी भी तंग आ गए हैं। डीसी वरिंदर शर्मा ने इन दानवीरों को दान की परिभाषा समझाने की कोशिश की है। सोमवार को फ्लैग मार्च निकालने के बाद डीसी ने कहा कि वो दानवीरों को मुफ्त की सलाह दे रहे हैं कि पुण्य का काम करना है तो चुपचाप मदद भेज दो। हम आपका नाम इंटरनेट पर जारी कर देंगे, कि किस व्यक्ति ने हमें कितना दान दिया है। बाकी आप लोगों की मर्जी है। उन्होंने कहा कि यह मैं इसलिए कह रहा हूं क्योंकि यह अदृश्य बीमारी है, किसी को है या नहीं, पता नहीं चलता। यह कोई चेचक नहीं, जिसके निशान नजर आए। इसका कुछ पता नहीं चलता
डीसी वरिंदर शर्मा ने कहा कि अफसर कोरोना वायरस के मामले में पूरी तरह से एक्सपोज्ड हैं। हम हर रोज फ्लैग मार्च निकाल रहे हैं। अस्पताल भी जा रहे हैं। बहुत सारे अच्छे लोग हैं, जो हमें मेडिकल का सामान देना चाहते हैं या चेक देना चाहते हैं। उनको लगता है कि मैं जानबूझकर उनसे नहीं मिल रहा। मैं तो किसी को भी नहीं मिल रहा। मेरी ऐसे सज्जनों से गुजारिश है कि सामान गुपचुप भेज दो। अगर आपको दिन-रात लोगों के बीच घूम रहे अफसरों या मुझसे मिलना है तो इससे आपको हमसे और आपसे हमको भी कोरोना वायरस का खतरा रहेगा। सोमवार को ही लुधियाना में एक एसीपी कोरोना पॉजीटिव मिला है। फिर भी मिलना है तो आपकी मर्जी है