नगर निगम की कार्रवाई की परवाह न करते हुए शहरी क्षेत्र में तो अवैध निर्माण जोरों से चल ही रहे हैं, वहीं पुडा से बेखौफ होकर गांवों में भी धड़ल्ले से अवैध कालोनियां काटी जा रही हैं, जिसकी मिसाल आदमपुर विधान सभा हलके के सर्कल पतारा व जालंधर कैंट हलके के अधीन आते कुक्कड़ पिंड समेत अन्य कई गांवों में कट रही कालोनियां हैं।
कुक्कड़ पिंड में काटी गई कालोनी का काम जोरों पर चल रहा है। इतना ही नहीं, इस कालोनी के कई प्लाट भी बिक चुके हैं। अवैध कालोनियों में लोगों को हर तरह की सुविधाएं प्रदान करने का वायदा देकर उन्हें गुमराह किया जा रहा है, जबकि सुविधा कोई भी नहीं दी जा रही है। पतारा के आस-पास पड़ते कई गांवों में भी अवैध कालोनियों का निर्माण साफ बता रहा है कि यह काम किसी मिलीभगत या फिर राजनीतिक दबाव के बिना नहीं हो सकता।
शहरी क्षेत्र के मुकाबले देहाती क्षेत्र में जमीनों के रेट काफी कम होने के कारण कालोनाइजरों ने गांवों की ओर अपना रूख कर लिया है। वहां आप खुद न बैठ कर कालोनाइजरों ने अपने कारिंदों को बैठाया हुआ है, जो कि आने वाले ग्राहकों से बातचीत कर उसकी जानकारी अपने आका को देते हैं। अगर पुडा चाहे तो उक्त दोनों हलकों के गांवों में कई अवैध कालोनियां काटने वालों को बेनकाब कर भारी राजस्व प्राप्त कर सकती है।