Bathinda / जमीन के लालच में सात साल से युवक को भाई-भाभी ने जंजीरों से बांध रखा था, जजों ने मौके पर पहुंचकर कराया आजाद

Roshan Bilung
  • बठिंडा के हररायपुर का मामला, 30 साल के निर्मल सिंह के रूप में हुई पीड़ित की पहचान
  • पैरा लीगल वॉलेंटियर रमणीक वालिया की सूचना पर जिला एवं सेशन जज कमलजीत लांबा और सीजेएम अशोक कुमार चौहान ने की रेड
  • भाई-भाभी बोले- फरीदकोट से चल रहा है मानसिक बीमार निर्मल का इलाज, खुला रहने पर गांव में कर देता है नुकसान

पंजाब मीडिया न्यूज़

May 13, 2020, 04:37 PM IST

बठिंडा. बठिंडा जिले में एक युवक को जजों के विशेष दल ने पहुंचकर आजाद करवाया है। आरोप है कि इसके भाई-भाभी इसके हिस्से की जमीन हड़पना चाहते हैं, जिसके चलते उन्होंने इसे मानसिक बीमार बताकर करीब 7 साल से घर में ही जंजीरों से बांध रखा था। जिला एवं सेशन जज कमलजीत लांबा और सीजेएम अशोक कुमार चौहान नेहियांवाला थाना की पुलिस पार्टी के साथ युवक के घर पर पहुंचे। उन्होंने युवक को घर की कैद से आजाद करवाया और पुलिस को इसका इलाज कराने के निर्देश दिए हैं।

रेड करने पहुंची टीम को देखकर निर्मल सिंह चौंक गया, मगर बंधे होने की वजह से उठ न सका। चारपाई पर मुंह के बल लेटकर देखता रहा।

मामला जिले के नेहियांवाला थाने के क्षेत्र के एक गांव का है। पैरा लीगल वॉलेंटियर रमणीक वालिया ने सूचना दी थी कि गांव हररायपुर में निर्मल सिंह को परिजनों ने जमीन के लालच में जंजीरों से बांधकर रखा हुआ है। इसके बाद जिला एवं सेशन जज कमलजीत लांबा और सीजेएम अशोक कुमार चौहान की अगुआई में छापेमारी की गई। आरोप यह भी है कि ये दोनों पिता को भी आवाज नहीं उठाने के लिए धमकाते थे।

Bathinda / जमीन के लालच में सात साल से युवक को भाई-भाभी ने जंजीरों से बांध रखा था, जजों ने मौके पर पहुंचकर कराया आजाद 2
निर्मल सिंह की जिंदगी में सात साल के बाद उम्मीद की नई किरण बनकर पहुंचे जिला एवं सेशन जज कमलजीत लांबा और सीजेएम अशोक कुमार चौहान।

जब टीम वहां पहुंची तो पाया कि 30 साल के निर्मल सिंह को एक छोटे से कमरे में चारपाई पर गाय-भैंसों के लिए इस्तेमाल की जाने वाली जंजीर के साथ बांध रखा था। उसे जंजीरों से मुक्‍त कराया। पूछताछ में युवक के भाई और भाभी ने कहा कि वह कई साल से मानसिक बीमार है और उसका इलाज फरीदकोट से कराया जा रहा है। वह गांव में काफी नुकसान कर देता था। इस समय गेहूं का सीजन है। डर था कि कहीं वह किसी के खेत में आग न लगा दे। इस कारण ही उसे बांधकर रखा गया था। वो बीच-बीच में उसको खोल भी देते हैं।

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सीजेएम अशोक कुमार चौहान ने साथ गई थाना नेहियांवाला की टीम को निर्देश दिए कि मेंटल हेल्थ एक्ट के तहत कार्रवाई की जाए। सीजेएम ने कहा कि युवक को अस्‍पताल ले जाकर मेडिकल करवाएं और उस रिपोर्ट के आने के बाद अगर वह मानसिक तौर पर बीमार पाया जाता है तो उसका इलाज कराया जाए।

बास्केटबॉल और कबड्‌डी का अच्छा खिलाड़ी था निर्मल सिंह

गांव के लोगों ने बताया कि निर्मल बास्केटबॉल का अच्छा खिलाड़ी हुआ करता था। गांव के क्लब के सदस्यों ने बताया कि उनके साथ किसी समय कबड्डी भी खेलता था और अच्छा खिलाड़ी था, लेकिन फिर पता नहीं क्या हुआ कि उसे घर में ही रख लिया गया। बाद में पता चला कि मानसिक तौर पर बीमार है।

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