- संक्रमित के घर में अलग कमरा, बाथरूम और केयर टेकर समेत अन्य सुविधाएं होने पर ही मरीज को घर भेजेगा विभाग
- सेहत विभाग के डॉक्टरों की टीम आज और कल संक्रमित चल रहे मरीजों के घरों में जाकर करेगी सर्वे
पंजाब मीडिया न्यूज़
May 16, 2020, 08:59 AM IST
पठानकोट. सिविल अस्पताल के आइसोलेशन में आइसोलेट चल रहे कोरोना पॉजिटिव लोगों का 10 दिनों का समय पूरा होने और उन्हें बुखार, सांस लेने में दिक्कत न होने पर अब घरों में होम आइसोलेशन करने की तैयारी है। इसके लिए सरकार ने पत्र जारी कर डिस्चार्ज पॉलिसी के नए नियमों के मुताबिक कोरोना पॉजिटिव मरीजों को अगर 10 दिनों के भीतर बुखार नहीं है और खांसी, जुकाम, सांस लेने में दिक्कत नहीं है। ऑक्सीजन के बिना फिट हैं, उन्हें घरों में होम आइसोलेशन किया जाएगा। इसके लिए सेहत विभाग के डॉक्टरों की टीम कोरोना पॉजिटिव मरीजों के घर जाकर सर्वे करेगी कि उक्त मरीजों को घरों में होम आइसोलेट रखा जा सकता है या नहीं? शनिवार और रविवार को हेल्थ विभाग के डॉक्टरों की टीम कोरोना पॉजिटिव चल रहे मरीजों के घरों में जाकर सर्वे करेगी।
टीम सर्वे में देखेगी कि जहां उक्त मरीज को घरों में भेजना है, उनके घरों में अलग से कमरा, बाथरूम, साफ-सफाई, उसके बर्तन, केयरटेकर समेत अन्य सुविधाओं की जांच करेगी। अगर कोरोना पॉजिटिव मरीज को घर भेजा जाता है तो उसे अस्पताल की तरह घर में कमरे में ही आइसोलेट होना पड़ेगा और वह कमरे के बाहर नहीं निकलेगा। इसके लिए कोरोना पॉजिटिव मरीज की केयर टेक करने वाला सदस्य रोजाना सेहत विभाग के सम्पर्क में रहेगा। अगर सेहत विभाग की टीम द्वारा सर्वे करने पर ही उक्त मरीजों को होम आइसोलेशन किया जाएगा।
अब तक बाहरी जिलों व राज्यों से पठानकोट आए 1063 लोग किए गए हैं होम क्वारेंटाइन
बाहरी जिलों व स्टेटों में फंसे जिला पठानकोट के अब तक 1063 लोग पठानकोट पहुंच गए हैं। जिला प्रशासन व सेहत विभाग की टीम ने इन लोगों के नाम व एड्रेस वेरिफाई कर इन सभी को 14 दिनों के लिए होम क्वारेंटाइन किया हुआ है। वहीं, जो लोग अभी कहीं फंसे है, संपर्क कर उन्हें भी बुलाया जा रहा है। उधर, सेहत विभाग की टीम ने खांसी, बुखार व जुकाम वाले 6 लोगों के कोरोना जांच के लिए सैंंपल लिए हैं। उधर, शुक्रवार को सेहत विभाग की टीम ने रत्न कालोनी, गंदला लाहड़ी में पहुंच आगरा से आने वाले युवक, बाहर स्टेट से आए छोटेपुर के युवक, जम्मू से आए युवक को होम क्वारेंटाइन किया। इन लोगों को घरों में अलग कमरे में रहने और बाहर न घूमने की हिदायत दी गई है।
इधर…सवा महीने से सिविल में आइसोलेट परिवार के 5 सदस्य बोले, वह बिल्कुल ठीक, उन्हें घर भेजा जाए
कहा-हमारे टेस्ट फरीदकोट लेबोरेटरी से करवाए प्रशासन | सिविल अस्पताल के आइसोलेशन वार्ड में सवा महीने से आइसोलेट चल रहे आनंदपुर रड़ा व आनंदपुर कुलियां के रहने वाले एक ही परिवार के 5 सदस्यों ने अंदर से फोन कर बताया कि उन्हें अब न तो खांसी, बुखार और जुकाम है। फिर भी उन्हें आइसोलेट रखा गया है। उन्होंने कहा कि अब तो उन्हें दवा की जरूरत भी नहीं है और न ही उन्हें दवा दी जा रही। उनका कहना है कि जालंधर में एक महीने से भर्ती ऐसे मरीजों को जो ठीक है, उन्हें घर भेज दिया है। उन्हें भी घर भेजा जाए। उनका कहना है कि दो फेजों में करवाए जा रहे कोरोना टेस्ट कभी पॉजिटिव और कभी नेगेटिव आ रहे है।
उनकी मांग है कि अब उनके टेस्ट अमृतसर की बजाए फरीदकोट लेबोरेटरी में करवाए जाए। आनंदपुर रड़ा के रहने वाले व्यक्ति का कहना है कि उनकी मां की 31 मार्च को मौत हुई थी और चौथे पर अस्थियां उठाई थी। उसके बाद उसे बुखार हुआ था और 7 अप्रैल को सिविल अस्पताल में चेकअप करवाने आया तो उसे आइसोलेट कर लिया था। वह अभी 5 लोग ठीक हैं। पारिवारिक सदस्यों का कहना है कि घरों में कमाने वाला कोई नहीं है। इसलिए उनके टेस्ट फरीदकोट से करवाकर उन्हें घर भेजा जाए। आनंदपुर रड़ा के रहने वाले व्यक्ति का कहना है कि वह, उसकी बेटी, उसका भाई, छोटे भाई की सास, भाभी को आइसोलेट रखा गया है। उसकी मां की अस्थियां भी श्मशानघाट में पड़ी हैं।