गर्भपात करने की आरोपी गाइनोकोलॉजिस्ट डॉ. पूनम भार्गव को सस्पेंड कर दिया गया है। यह कार्रवाई हरियाणा के स्वास्थ्य मंत्री अनिल विज के निर्देश पर हुई है। पंचकूला सिविल अस्पताल सेक्टर -6 में गायनी विभाग की डॉ. पूनम भार्गव के गर्भपात कराने के बदले बीस हजार रुपये मांगने के चार वीडियो सामने आए। इसमें पैसे मांगने और पैसे लेने की बात हो रही है, जिसके आधार पर ही उनको सस्पेंड कर दिया गया। सीएमओ की ओर से उन्हें हटाने का निर्देश जारी किया गया। डॉ. पूनम भार्गव पर आरोप हैं कि उन्होंने चार माह के बच्चे को गिराने के लिए बीस हजार रुपये की मांग की थी। इसमें आठ हजार रुपये उन्हें दे दिए गए थे।
वहीं फोर्थ क्लास आउटसोर्स पर काम कर रही महिला को भी बाहर कर दिया गया है। डॉ. पूनम भार्गव ने पुराने कार्ड पर अबॉर्शन करने की दवा लिखी थी। इस पर सरदार और महिला से दस हजार रुपये की मांग की गई थी। वीडियो सामने आने के बाद सीमएओ ने कमेटी बनाकर जांच करवाई। जांच में यह सामने आया कि महिला डॉक्टर ने पैसे लेकर अबॉर्शन अपने प्राइवेट क्लीनिक में करने की बात कही थी।
दर्ज होगा केस, अस्पताल की ओर से होगी सिफारिश
डॉक्टरी पेशे को बदनाम करने वाली डॉ. पूनम भार्गव की मुश्किलें अब और बढ़ गई हैं। पूनम भार्गव पर पुलिस से केस दर्ज करने की सिफारिश की जाएगी। केस किन धाराओं में दर्ज किया जाए, इसके लिए लीगल एडवाइज ली जा रही है। सोमवार को अमन राजपूत और विनय अरोड़ा की ओर से नागरिक अस्पताल प्रबंधन सेक्टर-6 की लिखित शिकायत और वीडियो दी गई है।
पूनम भार्गव ने मान लिए थे आठ हजार रुपये
सोमवार को पूनम भार्गव कमेटी के समक्ष पेश हुई। पूनम भार्गव ने कमेटी के समक्ष मान लिया है कि उन्होंने गर्भपात करने के लिए आठ हजार रुपये लिए थे। पूनम भार्गव के घर पर एक कमेटी ने रेड भी मारी और उससे पूछताछ की। वीडियो में पूनम भार्गव सामने वाले व्यक्ति को सलाह दे रही हैं कि भ्रूण को निकालकर मैं दूंगी, आप उसे काले लिफाफे में डालकर किसी गटर में फेंक देना।
इस मामले में नागरिक अस्पताल की ओर से बनाई गई कमेटी ने शुरुआती रिपोर्ट बनाकर हरियाणा स्वास्थ्य विभाग के महानिदेशक को भेज दी है। सिविल अस्पताल की सीएमओ डॉ. जसजीत कौर के पास जैसे ही मामले की वीडियो आई, उन्होंने तुरंत पांच डॉक्टरों की एक कमेटी गठित कर दी। कमेटी ने वीडियो को कई बार सुना।
वीडियो के आधार पर ही डॉ. पूनम भार्गव, उनकी असिस्टेंट, वीडियो बनाने वाले को बयान दर्ज करवाने के लिए कहा था। असिस्टेंट ने पहले ही कमेटी के समक्ष अपने बयान दर्ज करवा दिए थे। अब डॉ. पूनम भार्गव और दोनों शिकायतकर्ताओं ने बयान दर्ज करवाए हैं।
एक्सटेंशन पर चल रही हैं पूनम भार्गव
डॉ. पूनम भार्गव की सेवा अवधि कुछ समय पूर्व अस्पताल से पूरी हो चुकी है, लेकिन उन्हें एक्सटेंशन पर रखा हुआ था, क्योंकि अस्पताल में डॉक्टरों की कमी है। डॉक्टरों को 65 वर्ष की आयु तक एक्सटेंशन मिल जाती है। पूनम भार्गव गायनी की एमडी हैं। वह डिलिवरी करवाती थीं।
वीडियो सामने आने के बाद पूनम भार्गव को गायनी वार्ड से तुरंत प्रभाव से हटा दिया गया था और उनके कमरे को सील कर दिया गया था। पूनम भार्गव की बातचीत से लग रहा है कि वह भ्रूण हत्या का काम काफी समय से कर रही थीं, क्योंकि वीडियो में वह अपनी असिस्टेंट से कहती हैं कि इस बार हम नए तरीके से भ्रूण निकालेंगे।
वीडियो में सरदार से मिले पैसे डॉ. पूनम भार्गव ने गिने हैं। पहले तीन हजार रुपये और उसके बाद पांच हजार रुपये डॉ. पूनम भार्गव को दिए गए। पैसे देने वाला ओर पैसों का इंतजाम करने के लिए एक दिन की मोहलत मांग रहा है। इसमें डॉ. पूनम भार्गव कह रही है, कोई बात नहीं।
डॉ. पूनम भार्गव को गायनी वार्ड से हटाने के बाद सरकार की तरफ से निलंबित कर दिया गया है। उन पर केस दर्ज करवाने के लिए पुलिस को सिफारिश की जाएगी। शिकायतकर्ताओं एवं डॉ. पूनम भार्गव के केस दर्ज कर लिए हैं।
– डॉ. जसजीत कौर, सिविल सर्जन, पंचकूला
वीडियो में हुई बातचीत
डॉ. पूनम भार्गव, अपनी असिस्टेंट से- इन्हें एक काला लिफाफा दे दो।
असिस्टेंट – मैडम आज ही कर देना है काम या कल करोगी।
डॉ. पूनम भार्गव – कल करेंगे, आज तो यह टेबलेट खाएगी।
सरदार- मैडम आज तो मुझे पैसे का इंतजाम करने दो।
डॉ. पूनम भार्गव – हां कर लेना, इसको एक ब्लैक लिफाफा दे दे, ठीक है, अभी दे दे, आप भी ले सकते।
सरदार- ठीक है मैम, वो तो मैं खुद ले आऊंगा।
डॉ. पूनम भार्गव – उसमें डालकर मैं आपको दे दूंगी, उसमें दिखेगा नहीं ना कुछ भी, उसे गटर में या कूड़े में फेंक देना।
अगले दिन सरदार डॉ. पूनम भार्गव के घर पहुंचा – मैडम आज मेरे बच्चों की पैरेंट्स मीटिंग है, वहां जाना है, इसलिये आज नहीं करवा सकते।
डॉ. पूनम भार्गव – चली जाए, इसे 5-6 बजे टेबलेट खिला देना।
सरदार- मैं परसो आ सकता हूं, तो कह रहा था, क्योंकि 10 हजार रुपये का थोड़ा सा इंतजाम करना था।
डॉ. पूनम भार्गव – तो परसों चाहते हो तुम, एक काम करना यह गोली तो आज खिला देना, कल रात को, कल तो पैरेंट्स टीचर मीटिंग अटैंड कर लेना। उसके बाद सुनो, परसो सुबह 5 बजे, उसके बाद 8 बजे, तीन घंटे निकल गये, उसके बाद 11 बजे और फिर 2 आ जाना।
सरदार- परसों दो बजे आना, तो बाकी मैं फोन कर लूंगा।
डॉ. पूनम भार्गव – हां, हां, ऐसा करना फिर इंजेक्शन क्यों लगाना, मैं टेबलेट दे रही हूं, पहले मैं टेबलेट दे रही हूं उल्टी की, अभी उल्टी की दे रही हूं, बाकी गोली बाद में देना। ऐसे कर लो, उसमें क्या हो गया।
सरदार- बाकी जो मेडिसिन बोली थी आपने।
डॉ. पूनम भार्गव – वो तो दे रही हूं, उसके बिना कैसे होगा। वह तो मेन है। यह रख लो पहले। यह सुबह 5 या 6 बजे, फिर चाहे वह सो जाये, जाग कुछ भी हो, फिर उसके तीन घंटे बाद देना। ठीक है।
सरदार- अगर ब्लीडिंग वगैरह होने लगा, तो।
डॉ. पूनम भार्गव -मुझे फोन कर देना, वो तो मैंने देखना है, तुमने क्या करना है।
सरदार- मैडम को पैसे देते हुए, ये पांच हैं जी, तीन हजार आपके पास पहले हैं, 5 हजार रुपये ये, टोटल आपके पास 8 हजार रुपये आ गये।
डॉ. पूनम भार्गव – ठीक है, यह रखो, कैसे रखोगे।
सरदार- आपके पास आठ हजार आ गया जी, थोड़ी ना घबरा गई सी जी।
डा. पूनम भार्गव – नहीं नहीं, देखो, हमने जैसे डिलिवरी होती है, वैसे ही करना है। नोंच-नोंच कर तो निकालना नहीं है। मैं चाहूं तो दो घंटे में नोंचकर निकाल दूं, लेकिन यदि एक भी अंग रह गया, एक भी अंगुली रह गई फिर।
सरदार-हां जी, वो पता ना क्या भावी है ना उसने कहा कि लड़की है, जो उसे काटना पड़ेगा।
डॉ. पूनम भार्गव – नहीं, वैसे नहीं करेंगे, जैसे डिलिवरी होती है, वैसे करेंगे। पूरा बच्चा बाहर आएगा, आप कहोगे तो आपको दिखा देंगे। कितना बड़ा बच्चा है। उसमें सफाई भी बहुत है। कोई ना कोई परसो आ जाओ, कंर्फटेबल रहे।