पंजाब मीडिया न्यूज़, पंजाब: Punjab Politics News, पंजाब में महिलाओं के लिए 33 फीसदी आरक्षण का नियम अब विधानसभा चुनाव में भी लागू होगा, इसके परिणामस्वरूप पंजाब से संसद के 117 सीटों पर 39 सीटों पर महिलाओं को टिकट देना अनिवार्य हो जाएगा। 2022 के विधानसभा चुनाव में, 1304 प्रत्याशियों में से केवल 93 महिला प्रत्याशी थीं, जिससे प्रत्याशियों का केवल 7.13 फीसदी हिस्सा था।
पंजाब से लोकसभा और राज्यसभा की कुल 20 सीटों में से 6 सीटों पर अब महिलाओं का प्रतिनिधित्व पक्का हो गया है।
लोकसभा की 13 सीटों में से 7 कांग्रेस सांसदों में से केवल 1 महिला सांसद परनीत कौर हैं, जबकि 2 अकाली दल के सांसदों में से एक महिला सांसद हरसिमरत कौर हैं। भाजपा के 2 सांसद, आम आदमी पार्टी के 1 सांसद और शिअद (अमृतसर) के 1 सांसद हैं, जिनमें से कोई भी महिला नहीं हैं। इसके अलावा, राज्यसभा की 7 सीटों पर सभी सांसद आम आदमी पार्टी (आप) के हैं, जिनमें कोई भी महिला सांसद नहीं हैं। इन सीटों पर महिलाओं को 33 फीसदी आरक्षण के आधार पर लोकसभा में 4.29 फीसदी और राज्यसभा में 2.31 फीसदी की हिस्सेदारी मिलेगी।
महिलाओं को विधानसभा चुनाव में भी 33 फीसदी की आरक्षण प्राप्त होगी, जिससे पंजाब में सभी दलों को कुल 117 विधानसभा सीटों के लिए 39 सीटों पर महिलाओं को टिकट देना आवश्यक होगा। 2022 के विधानसभा चुनाव में, प्रत्याशियों में से केवल 93 महिला प्रत्याशी थीं, जिसमें कांग्रेस ने 11, आप ने 12, शिअद ने 5, बसपा ने 1, एनडीए ने 9, किसानों के संगठन संयुक्त समाज मोर्चा ने 4, और शिअद (अमृतसर) ने 4 महिलाओं को टिकट दिया था। कुल 93 महिला प्रत्याशियों में से केवल 9 महिला प्रत्याशी विधानसभा में चुनी गई हैं।
निगम, निकाय और पंचायत चुनावों में महिलाओं को 50 फीसदी की सीटें प्राप्त होंगी।
2017 में पंजाब में कैप्टन अमरिंदर सिंह की सरकार ने महिलाओं को सरकारी नौकरियों में 33 फीसदी की आरक्षण और निकाय, निगम और पंचायत चुनावों में 50 फीसदी की आरक्षण की प्राधिकृत बना दी थी, जो अब भी पूर्ण रूप से प्रभावी है। इसके बाद केंद्र सरकार के नए निर्णय के बाद, महिलाओं को विधानसभा और संसद में भी 33 फीसदी की सीटें प्राप्त हो सकती हैं।