पंजाब कांग्रेस अध्यक्ष नवजोत सिंह सिद्धू (Navjot Singh Sidhu) अपने पद से इस्तीफा दे चुके हैं लेकिन उनका इस्तीफा अब तक कांग्रेस आलाकमान ने स्वीकार नहीं किया है. इसी मुद्दे पर चर्चा करने के लिए सिद्धू गुरुवार को दिल्ली जाकर शाम को 6 बजे कांग्रेस महासचिव के सी वेणुगोपाल और पंजाब प्रभारी हरीश रावत से मुलाकात करेंगे. इस मुलाकात से ठीक पहले सिद्धू ने सोशल मीडिया के माध्यम से अपने मीडिया एडवाइजर सुरेंद्र डल्ला को एक इंटरव्यू देकर एक बार फिर से अपनी नीतियों और पंजाब मॉडल को सही ठहराया है.
नवजोत सिंह सिद्धू ने सुरेंद्र डल्ला को दिए इंटरव्यू में पंजाब की माइनिंग, शराब और कृषि नीति पर सवाल खड़े किए हैं और कहा है कि अगर पंजाब चाहे तो वो इन सब क्षेत्रों से बेहतर रेवेन्यू कमा सकता है लेकिन ऐसा हो नहीं रहा है. इसी वजह से पंजाब पर लगातार कर्ज बढ़ता जा रहा है. उन्होंने अपनी ही सरकार पर भी सवाल खड़े किए हैं और कहा कि अब अंतिम 6 महीनों में अगर पंजाब सरकार कुछ नीतियां बना सकती है या फिर कोई ठोस कदम उठा सकती है, तो ऐसा पिछले साढ़े 4 साल में क्यों नहीं हुआ.
पंजाब कांग्रेस अध्यक्ष ने कहा कि उनकी लड़ाई किसी एक व्यक्ति विशेष के साथ नहीं बल्कि पूरे सिस्टम के साथ है और जब तक सिस्टम नहीं बदलेगा उनकी लड़ाई जारी रहेगी. नवजोत सिंह सिद्धू ने बिना नाम लिए मुख्यमंत्री की ओर इशारा करते हुए कहा कि अगर टॉप लेवल पर बैठा व्यक्ति नीचे के भ्रष्टाचार को खत्म करने का ठान ले, तभी भ्रष्टाचार खत्म होगा क्योंकि भ्रष्टाचार हमेशा नीचे के लेवल से ही शुरू होता है.
इस्तीफा वापस लेने पर नहीं की चर्चा
सिद्धू ने पंजाब सरकार की खाद्य एजेंसियों और कृषि नीत पर भी इस इंटरव्यू में कई सवाल खड़े कर दिए. हालांकि सिद्धू से ना तो इस इंटरव्यू में पूछा गया कि क्या वो अपना इस्तीफा वापस लेंगे और ना ही उन्होंने इस विषय को लेकर कोई बात की है. सिद्धू ने इतना जरूर कहा कि वो कांग्रेस आलाकमान के द्वारा पंजाब के लिए दिए गए 18 सूत्रीय कार्यक्रम को जरूर लागू करवाने का प्रयास करेंगे.
28 सितंबर को सिद्धू ने राज्य में अधिकारियों और मंत्रियों की नियुक्ति पर मतभेद को लेकर कांग्रेस की पंजाब इकाई के अध्यक्ष पद से इस्तीफा दे दिया था. कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी को लिखे पत्र में सिद्धू ने कहा था कि वह पार्टी की सेवा करना जारी रखेंगे. सिद्धू ने अपने पत्र में कहा था, ‘‘किसी भी व्यक्ति के व्यक्तित्व में गिरावट समझौते से शुरू होती है, मैं पंजाब के भविष्य और पंजाब के कल्याण के एजेंडे को लेकर कोई समझौता नहीं कर सकता हूं. इसलिए, मैं पंजाब प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष पद से इस्तीफा देता हूं. कांग्रेस की सेवा करना जारी रखूंगा.’’