वेस्ट हलके के विधायक शीतल अंगुराल और डीसी ऑफिस इंप्लाइज यूनियन में शुरू हुआ विवाद रविवार को विधायक अंगुराल के सोशल मीडिया पर माफी मांगने के बाद खत्म हो गया। डीसी ऑफिस यूनियन ने विधायक पर मनमानी करने और डीसी ऑफिस इंप्लाइज को बदनाम करने के आरोप में सोमवार से अनिश्चितकालीन हड़ताल का ऐलान किया था, जिस पर शनिवार को पंजाब सिविल सर्विसेज ऑफिसर एसोसिएशन ने यूनियन को जैसे ही समर्थन का पत्र जारी किया तो इसे कांग्रेस ने अपना मुद्दा बना लिया। इस पर सरकार ने इसे सुलझाने के लिए डीसी जसप्रीत सिंह की ड्यूटी लगाई।
रविवार को डीसी जसप्रीत सिंह की अगुआई में यूनियन के पदाधिकारियों को बुलाया। यहां विधायक शीतल अंगुराल और रमन अरोड़ा भी पहुंचे। मीटिंग की शुरुआत में यूनियन विधायक अंगुराल से माफी मांगने पर अड़ी रही। मामला शांत नहीं हुआ तो यूनियन ने मीटिंग का बायकाट कर जिला प्रशासकीय काॅम्प्लेक्स के अंदर ही सरकार और विधायक के खिलाफ नारेबाजी शुरू कर दी। इसके बाद डीसी ने सभी को फिर अपने कमरे में बुलाया और दोनों पक्षों को मनाया।
कांग्रेस के आप विधायकों को कंट्रोल करने के ट्वीट से बाद सरकार पर बना था दबाव
जैसे ही पंजाब सिविल सर्विसेज ऑफिसर एसोसिएशन ने डीसी दफ्तर इंप्लाई यूनियन को समर्थन का एलान किया तो इसे कांग्रेस ने अपना मुद्दा बना लिया। विपक्ष के नेता प्रताप सिंह बाजवा सहित कांग्रेस के कई दिग्गजों ने ट्वीट कर आप सुप्रीमो अरविंद केजरीवाल व सीएम मान को टैग करते हुए अपने विधायकों पर कंट्रोल रखने की नसीहत दी। दूसरी तरफ डीसी दफ्तर इंप्लाई यूनियन ने विवाद के बाद सोमवार को अनिश्चित काल के लिए हड़ताल का एेलान किया था। विवाद सुलझने के बाद स्ट्राइक की इस कॉल को वापस लिया गया है।
बोले- सरकारी महिला मुलाजिम तो सही हैं
विधायक अंगुराल ने सोशल मीडिया पर कहा कि लोगों ने उन्हें विधायक बनाया है। लोगों का काम नहीं होगा तो वे भविष्य में भी लोगों के मुद्दे उठाते रहेंगे। भ्रष्टाचार बर्दाश्त नहीं करेंगे। सरकारी महिला मुलाजिम सही हैं, लेकिन उनके कमरों के बाहर एजेंटों का राज चल रहा है, वहीं से करप्शन शुरू होती है। अगर किसी को ठेस लगी है तो वे माफी मांगने को तैयार हैं।
यह था मामला…शुक्रवार को विधायक शीतल अंगुराल ने डीसी कार्यालय का औचक निरीक्षण किया था। इस दौरान मौजूद स्टाफ व एडीसी के साथ तीखी नोकझोंक हो गई थी। वे गढ़ा स्थित एक अकादमी के मामले में स्टेटस जानने गए थे। फाइल की जांच के बाद डीसी के सामने विधायक ने एडीसी से पूछा था कि ऐसी क्या जरूरत थी कि छुट्टी के दिन अकादमी को ईमेल की गई। एडीसी मेजर अमित सरीन ने कहा कि शनिवार को सेवा केंद्र की 700 पेंडेंसी निकालते हैं, जबकि वीआईपी मंत्री ने जिस आना होता है तो उस दिन भी हम काम करते हैं। इसके बाद माहौल गरमा गया था।