पंजाब मीडिया न्यूज़, दिल्ली: वोट बैंक राजनीति और उसका महत्व, भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने मंगलवार को आरोप लगाया कि ‘इंडियन नेशनल डेवलपमेंटल इनक्लूसिव अलायंस’ (इंडिया) का गुप्त एजेंडा है सनातन धर्म पर हमला करना, जो वोट बैंक की राजनीति के लिए महत्वपूर्ण है। इस आरोप के साथ, विपक्षी गठबंधन के नेताओं की ‘चुप्पी’ पर भी सवाल उठाए गए।
पार्टी ने द्रविड़ मुनेत्र कषगम (द्रमुक) नेताओं की लगातार आलोचनात्मक टिप्पणियों के बीच विपक्षी नेताओं की ‘चुप्पी’ पर सवाल उठाए। भाजपा ने पूर्व केंद्रीय मंत्री रविशंकर प्रसाद द्वारा इस मुद्दे पर ताजा हमला किया।
सोनिया गांधी की मुख्य भूमिका
प्रसाद ने कहा कि सोनिया गांधी, विपक्ष की मुख्य नेता, इस मामले पर चुप्पी साधे रहेंगी तो यह स्पष्ट हो जाएगा कि सनातन धर्म का विरोध करना ‘इंडिया’ के न्यूनतम साझा कार्यक्रम का हिस्सा है।
सनातन धर्म और भाजपा का समर्थन
द्रमुक के एक नेता ने सनातन धर्म का विरोध करने का आरोप लगाया था, और प्रसाद ने इसका जिक्र किया। उन्होंने कहा कि तमिलनाडु के नेता के वक्तव्य में सच्चाई है, और भाजपा इस गठबंधन से खुद को पूरी तरह अलग करता है।
भाजपा नेता ने सनातन धर्म का समर्थन किया और बताया कि इस धर्म के अनुयायियों को समर्पित मंदिर बनाए गए हैं, जैसे कि शबीर, केवट और संत रविदास जैसे पिछड़ी जातियों के श्रद्धेय लोग। उन्होंने दावा किया कि सनातन धर्म के अनुसार, कोई भी व्यक्ति अपनी जाति और समुदाय की पृष्ठभूमि के बावजूद अपनी भक्ति से भगवान को प्राप्त कर सकता है।
कांग्रेस का पक्ष
कांग्रेस ने इस विवाद को लेकर स्पष्ट तौर पर कहा कि वह हर धर्म का सम्मान करने में विश्वास करती है। प्रसाद ने कहा कि द्रमुक से लेकर राष्ट्रीय जनता दल (राजद) और समाजवादी पार्टी (सपा) जैसे दलों के कुछ विपक्षी नेता सनातन धर्म और हिंदू धर्म से जुड़े पवित्र ग्रंथों की आलोचना करने में मुखर रहे हैं, लेकिन क्या वे अन्य धर्मों और उनके पवित्र व्यक्तित्वों की आलोचना करने का साहस जुटा सकते हैं?
प्रसाद ने कहा कि भारत की संस्कृति और विरासत का हर दिन अपमान किया जा रहा है, और भाजपा इस मुद्दे को लेकर देश भर के गांवों में जाएगी और साथ ही विकास तथा विरासत की बात भी करेगी।
इस विवाद के बावजूद, एक महत्वपूर्ण प्रश्न है कि क्या हिंदू धर्म के प्रति संवेदनशीलता और दरियादिली बनाए रखना चाहिए? क्या राजनीतिक दलों को धर्म के मुद्दों को बातचीत के लिए उन्नत करना चाहिए? यह अब वक्त का सवाल है और यह देखना होगा कि इस विवाद का क्या नतीजा निकलता है।
सवालों के उत्तर
1. क्या वोट बैंक राजनीति ने सनातन धर्म को प्रभावित किया है?
- हाँ, वोट बैंक राजनीति ने सनातन धर्म को प्रभावित किया है क्योंकि यह धर्म राजनीतिक मुद्दों का हिस्सा बन गया है।
2. क्या सनातन धर्म के अनुयायी भाजपा के साथ हैं?
- हाँ, सनातन धर्म के अनुयायी भाजपा के साथ हैं और भाजपा उनके समर्थन में है।
3. क्या धर्म के मुद्दों को राजनीतिक दलों को उठाना चाहिए?
- यह एक महत्वपूर्ण प्रश्न है, और यह राजनीतिक दलों के और सामाजिक संगठनों के बीच बातचीत का हिस्सा होना चाहिए।
4. क्या सनातन धर्म के प्रति संवेदनशीलता और दरियादिली बनाए रखना चाहिए?
- हाँ, सनातन धर्म के प्रति संवेदनशीलता और दरियादिली बनाए रखना चाहिए, क्योंकि धर्म विवाद से बचा जा सकता है।
5. क्या भारत की संस्कृति और विरासत को सुरक्षित रखने के लिए कदम उठाना चाहिए?
- हाँ, भारत की संस्कृति और विरासत को सुरक्षित रखने के लिए कदम उठाना चाहिए ताकि यह आने वाली पीढ़ियों को मिल सके।
6. क्या इस विवाद से धर्म के मुद्दों का समीक्षा होगा?
- हाँ, इस विवाद से धर्म के मुद्दों का समीक्षा होगा और यह देखना होगा कि कैसे इसे सुलझाया जा सकता है।
इस विवाद के साथ, एक महत्वपूर्ण बात सामने आई है कि वोट बैंक राजनीति कैसे सनातन धर्म को प्रभावित कर रही है और कैसे इसका समाधान निकाला जा सकता है। यह भी देखना होगा कि धर्म के मुद्दे कैसे राजनीतिक दलों के लिए महत्वपूर्ण हैं और कैसे इन्हें सही तरीके से संघटित किया जा सकता है। इसके साथ ही, भारत की संस्कृति और विरासत को सुरक्षित रखने के लिए कदम उठाना भी महत्वपूर्ण है।