Punjab media news : डी.ए.वी. कालेज फलाईओवर के नीचे स्थित कॉलेज बुक स्टोर से बरामद हुई एन.सी.ई.आर.टी. की किताबें जालंधर के हाईवे पर स्थित एक प्रिंटिंग प्रैस में छापी गई थी। हालांकि पहले यह कहा जा रहा था कि किताबें दिल्ली से प्रिंट होकर आई हैं लेकिन जालंधर में नकली किताबें छपने की सच्चाई सामने आने के बाद कई सालों से एन.सी.ई.आर.टी. और पंजाब बोर्ड की किताबें छापने वालों में गिरफ्तारी का डर सता रहा है। बाप-बेटे द्वारा चलाई जा रही इस प्रिटिंग प्रैस में से पहले भी थाना रामामंडी पुलिस के रेड हुई थी, लेकिन कुछ लोगों ने बीच में आकर प्रिंटर प्रैस मालिक का बचाव करवा लिया गया था। तब भी प्रैस में से नकली किताबों की खेप बरामद हुई थी। कई सालों से चल रहे इस फर्जीवाड़े के धंधे में शामिल बाप-बेटे प्रति किताब 15 से 20 रुपए का मार्जन रख कर किताबें काऊंटरों पर बेच रहे हैं।
दरअसल एन.सी.ई.आर.टी. कंपनी गिनती की ही किताबें छपवाती है, लेकिन मार्कीट में डिमांड ज्यादा होने के कारण ऐसे गौरखधंधे करने वाले नजर लगाए बैठे रहते हैं और असल किताब खरीद कर उसकी कापियां तैयार की जा रही है। किताब के पेपर से ही पता लग जाता है कि किताब कंपनी की है या फिर किसी द्वारा फर्जी तरीके से तैयार की गई है। कई सालों से अलग-अलग कंपनियों को करोड़ों रुपए का चुना लगाने वाले ऐसे प्रिंटर अभी भी गुपचुप तरीके से काम कर रहे हैं।
हालांकि ज्यादातर कंपनियों को इस गौरखधंधे के बारे पता नहीं लगता, जिसके चलते प्रिंटिंग प्रैस वाले इसका फायदा उठाते है। सूत्रों की मानें तो इसी प्रिटिंग प्रैस से ही जालंधर ही नहीं बल्कि आसपास के शहरों में भी संप्लाई की जा रही है। उधर इस संबंधी एन.सी.ई.आर.टी. के अधिकारी के साथ बात करनी चाही तो उनके साथ फोन पर संर्पक नहीं हो सका।