पंजाब मीडिया न्यूज़, देश: World Bank News India, वित्त वर्ष 2024 में विश्व बैंक ने दिया एक बड़ा संकेत – भारत में महंगाई की वृद्धि का संकेत। इसका मतलब है कि आने वाले सालों में वस्त्र, खाद्य, और अन्य सामग्रियों की कीमतें बढ़ सकती हैं। विश्व बैंक के अनुसार, मुद्रास्फीति की दर वित्त वर्ष 2024 में 5.9 प्रतिशत तक बढ़ सकती है, जो भारतीय रिजर्व बैंक के लक्ष्य से बड़ी है। यह आर्थिक दृष्टिकोण से एक महत्वपूर्ण संकेत है और भारत की अर्थव्यवस्था के लिए एक बड़ा चुनौती हो सकता है।
विकास के मोर्चे पर भारत: विश्व बैंक की चेतावनी
विश्व बैंक ने विकास के मामले में भारत के लिए अब तक का सबसे बड़ा झटका आया है, खासकर महंगाई के क्षेत्र में। उन्होंने स्पष्ट रूप से दर्ज किया है कि महंगाई की वृद्धि एक मुद्दा है और इसे जल्दी से संभालने की आवश्यकता है।
मांग में गिरावट और निजी उपभोग की धीमी वृद्धि
विश्व बैंक के अनुसार, भारत में मांग में गिरावट आई है, खासकर निम्न आय वर्ग में। यह एक संकेत है कि लोगों की खर्च की स्तिथि में सुधार होने की संभावना है, और महंगाई में वृद्धि का खतरा है।
तेल कीमतों का चिंता का कारण
विश्व बैंक ने तेल कीमतों के बढ़ने के कारण महंगाई के मोर्चे पर चिंता जताई है। खासकर मानसून के महीनों में असामान्य बारिश के बाद खाद्य कीमतें बढ़ी हैं।
नीतिगत दर में सुधार की आशंका
विश्व बैंक ने पिछले साल की तरह इस बार भी नीतिगत दर में सुधार की आशंका जताई है, जो महंगाई को कम कर सकता है। इसका मतलब है कि सरकार को नीतिगत उपायों को बदलने और अर्थव्यवस्था को सुधारने की आवश्यकता है।
राजकोषीय घाटे में सुधार का संकेत
विश्व बैंक ने राजकोषीय घाटे के मोर्चे पर थोड़े सुधार के संकेत दिए हैं, लेकिन सब्सिडी कार्यक्रमों के माध्यम से महंगाई को कम करने के लिए राजकोषीय समेकन में देरी हो सकती है।
दूसरों की अपेक्षाओं के अनुरूप बनें
विश्व बैंक की जीडीपी वृद्धि की भविष्यवाणी दूसरों के अनुमान के अनुरूप है, जिससे भारत की विकास दर को 6 प्रतिशत पर बरकरार रखा गया है। इससे हम देख सकते हैं कि विश्व बैंक की ओर से दिए गए संकेत भारतीय अर्थव्यवस्था के लिए एक महत्वपूर्ण चुनौती प्रस्तुत करते हैं।