नई दिल्ली (PMN)- दिल्ली पुलिस ने मंगलवार को कहा कि हिंसक प्रदर्शनकारियों के खिलाफ कानूनी कार्रवाई की जाएगी, जिन्होंने न केवल पुलिस के साथ पारस्परिक रूप से सहमत दिशानिर्देशों का उल्लंघन किया, बल्कि किसानों प्रदर्शनों की आड़ में दिल्ली की सड़कों पर उग्रता का प्रदर्शन किया और संपत्तियों को क्षतिग्रस्त किया। किसानों के इस व्यवहार से ड्यूटी पर गए पुलिसकर्मियों का जीवन भी खतरे में पड़ गया।
दिल्ली पुलिस ने एक बयान में कहा कि पुलिस ने पेशेवर तरीके से कार्रवाई की और दिशानिर्देशों का पालन किया, लेकिन प्रदर्शनकारी किसानों ने निर्धारित समय से पहले ट्रैक्टर रैली निकाली, जिससे राजधानी में कानून और व्यवस्था की स्थिति पैदा हो गई।
दिल्ली पुलिस के ज्वाइंट सीपी आलोक कुमार ने कहा कि कानून के अनुसार, सार्वजनिक संपत्ति को नुकसान पहुंचाने वालों और दिल्ली पुलिस कर्मियों को घायल करने वालों के खिलाफ कानूनी कार्रवाई की जाएगी। कुछ ने पुलिसकर्मियों पर अपने ट्रैक्टर चलाने की भी कोशिश की। दिल्ली पुलिस ने प्रदर्शनकारियों से भी हिंसा को रोकने और निर्धारित मार्गो पर जल्द से जल्द लौटने की अपील की है।
उल्लेखनीय है कि ट्रैक्टर परेड के लिए निर्धारित मार्ग से हटकर प्रदर्शनकारी किसानों का एक समूह मंगलवार को लालकिले में घुस गया और राष्ट्रीय राजधानी स्थित इस ऐतिहासिक स्मारक के कुछ गुंबदों पर झंडे लगा दिए।
पुलिस द्वारा आईटीओ से खदेड़े गए प्रदर्शनकारी किसानों का एक समूह अपने ट्रैक्टर लेकर लालकिला परिसर पहुंच गया। ये प्रदर्शनकारी लालकिला परिसर में घुस गए और उस ध्वज-स्तंभ पर अपना झंडा लगाते दिखे जहां से प्रधानमंत्री 15 अगस्त को राष्ट्रीय ध्वज फहराते हैं।
उन्होंने लालकिले के कुछ गुंबदों पर भी अपने झंडे लगा दिए। इससे पहले प्रदर्शनकारी किसान आईटीओ पहुंच गए और लुटियंस इलाके की तरफ बढ़ने की कोशिश की। इसपर पुलिस को लाठीचार्ज और आंसू गैस के गोलों का इस्तेमाल करना पड़ा।
प्रदर्शनकारियों ने ट्रैक्टर परेड के निर्धारित समय से काफी पहले ही दिल्ली के विभिन्न सीमा बिन्दुओं से दिल्ली के भीतर बढ़ना शुरू कर दिया और अनुमति न मिलने के बावजूद वे मध्य दिल्ली स्थित आईटीओ पहुंच गए।