जम्मू (पीएमएन)- उत्तर कश्मीर के हंदवाड़ा के एक युवा नेता ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और जम्मू-कश्मीर के उपराज्यपाल मनोज सिन्हा को पत्र लिखकर माता भद्रकाली मंदिर के विकास के साथ ही केंद्र शासित प्रदेश में आध्यात्मिक पर्यटन के विस्तार और कश्मीरी पंडितों की वापसी की मांग की है।
हंदवाड़ा के एक युवा नेता मुदस्सिर तांत्रे की ओर से लिखे गए एक पत्र में हंदवाड़ा में बेहतर बुनियादी ढांचे की मांग की गई है, जहां विख्यात माता भद्रकाली मंदिर भी है, जो जम्मू-कश्मीर के सबसे पुराने हिंदू तीर्थस्थलों में से एक है।
पत्र में इस ओर भी ध्यान दिलाया गया है कि बुनियादी सुविधाओं और अन्य जरूरी सुविधाओं की कमी के कारण ही श्रद्धालु मंदिर में आने के इच्छुक नहीं हैं।
तांत्रे ने सरकार से अमरनाथ यात्रा की तरह ही भद्रकाली तीर्थ क्षेत्र पर भी ध्यान देने का आग्रह किया है, ताकि हंदवाड़ा देश के आध्यात्मिक पर्यटन मानचित्र का एक हिस्सा बन जाए, जो बदले में क्षेत्रीय अर्थव्यवस्था व विकास को बढ़ावा देगा और बेरोजगार युवाओं के लिए रोजगार पैदा करेगा, जो आंतकवादी गतिविधियों के सबसे बड़े पीड़ित हैं।
उन्होंने अपने पत्र में कहा, भद्रकाली मंदिर की आध्यात्मिक पर्यटन स्थल के रूप में शुरुआत के साथ ही पास की बुंगस घाटी को अंतर्राष्ट्रीय पर्यटन स्थल के रूप में समग्र रूप से विकसित किया जा सकता है, जिससे पूरे उत्तरी कश्मीर को विकास के नक्शे पर लाया जा सकता है।
प्रधानमंत्री मोदी को संबोधित एक अन्य पत्र में तांत्रे ने लिखा, हमारी विनती है कि माता भद्रकाली मंदिर को जल्द से जल्द विकसित किया जाए और इसकी खोई हुई महिमा को बिना किसी देरी के बहाल किया जाए। माता भद्रकाली मंदिर विभिन्न समुदायों के बीच भाईचारे का गवाह है।
पलायन कर चुके कश्मीरी पंडितों की वापसी सुनिश्चित करने का आग्रह करते हुए पत्र में कहा गया है, मदर कश्मीर अपने बच्चों के बिना अधूरी है।
पत्र में कहा गया है, माता के मंदिर से आध्यात्मिक आह्वान को अनसुना नहीं करना चाहिए। गरिमा के साथ कश्मीरी पंडितों की वापसी को यथाशीघ्र शुरू किया जाना चाहिए।
पर्यटकों के लिए सुविधाओं की अपील करते हुए पत्र में कहा गया है, बुंगस घाटी अपनी बेमिसाल सुंदरता के लिए दुनिया भर में प्रसिद्ध है, लेकिन पर्यटकों और ट्रेकर्स के लिए सुविधाएं शून्य हैं। इस जगह पर विशाल पर्यटक आकर्षण हैं। इस ऐतिहासिक जगह के साथ कई ऐतिहासिक, सांस्कृतिक, आदिवासी और वैश्विक यादें जुड़ी हुई हैं।