नई दिल्ली (ब्यूरो)-भारत के शीर्ष दवा नियामक ने भारत बायोटेक के कोविड-19 रोधी टीके कोवैक्सीन का दो से 18 साल तक के बच्चों को लगाने के लिए दूसरे/तीसरे चरण के क्लिनिकल ट्रायल को मंजूरी दे दी है। यह ट्रायल 525 स्वस्थ स्वयंसेवकों पर किया जाएगा। केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने बृहस्पतिवार को कहा, ‘‘देश के राष्ट्रीय नियामक, ड्रग्स कंट्रोलर जनरल ऑफ इंडिया (डीसीजीआई) ने सावधानीपूर्वक जांच करने के बाद विषय विशेषज्ञता समिति (एसईसी) की सिफारिश को मंजूर कर लिया है और कोवैक्सीन (कोविड रोधी टीके) के निर्माता भारत बायोटेक लिमिटेड को 12 मई को दो से 18 वर्ष की आयु के लोगों पर इसके दूसरे/तीसरे चरण के क्लिनिकल ट्रायल को मंजूरी दे दी।’’ उधर, देश में कोरोना के बढ़ते मामलों के बीच गुरुवार को नीति आयोग के सदस्य डॉ. वीके पॉल ने कहा कि भारत के बाजार में अगले हफ्ते से स्पुतनिक-वी वैक्सीन की बिक्री शुरू हो जाएगी। वहीं उन्होंने एक और बड़ी जानकारी देते हुए कहा कि जुलाई से इस वैक्सीन का उत्पादन भी भारत में शुरू हो जाएगा। इसके साथ ही उन्होंने कहा कि एफडीए, डब्ल्यूएचओ द्वारा अनुमोदित कोई भी वैक्सीन की कंपनी भारत आ सकती है। आयात लाइसेंस 1-2 दिनों के भीतर दे दिया जाएगा। उन्होंने कहा कि वर्तमान में कोई भी आयात लाइसेंस लंबित नहीं है। नीति आयोग के सदस्य डॉ. वीके पॉल ने कहा कि आगामी अगस्त से दिसंबर यानी कि 5 महीने के बीच देश के पास 216 करोड़ वैक्सीन डोज होंगे।
हैदराबाद स्थित भारत बायोटेक ने दो से 18 वर्ष की आयु वर्ग पर क्लिनिकल ट्रायल करने का प्रस्ताव दिया था। ट्रायल में टीके की दो खुराक 28 दिन के अंतराल में दी जाएगी। एसईसी ने कोविड-19 पर 11 मई को हुई बैठक में इस प्रस्ताव पर चर्चा की।
इससे पहले 24 फरवरी को एसईसी की बैठक में इस प्रस्ताव पर चर्चा की गई और कंपनी को संशोधित क्लिनिकल ट्रायल प्रोटोकॉल देने को कहा गया। स्वदेश निर्मित कोवैक्सीन का उत्पादन भारत बायोटेक ने किया है। अभी 18 से 44 आयु वर्ग और 45 या उससे अधिक आयु वर्ग के लोगों को यह टीका लगाया जा रहा है।