SC ने कहा- प्रवासी मजदूरों को राशन कार्ड देने के लिए बड़े पैमाने पर प्रचार जरूरी

Pawan Kumar

Punjab media news : सुप्रीम कोर्ट ने प्रवासी मजदूरों को राशन कार्ड न मुहैया होने पर राज्य और केंद्र शासित प्रदेशों को तीन महीने का और समय दिया है। ई-श्रम पोर्टल पर पंजीकृत प्रवासी मजदूरों को राशन कार्ड मुहैया करवाने लिए ये समय दिया गया है।

जस्टिस एमआर शाह और एहसानुद्दीन अमानुल्लाह की पीठ ने कहा कि केंद्रीय श्रम और रोजगार मंत्रालय के पोर्टल पर पंजीकृत प्रवासी मजदूरों को राशन कार्ड देने का व्यापक प्रचार किया जाना चाहिए। इससे राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम (National Food Security Act) के तहत उन्हें लाभ मिलेगा।

सुप्रीम कोर्ट ने ये आदेश याचिकाकर्ताओं अंजलि भारद्वाज, हर्ष मंदर और जगदीप छोक्कर द्वारा दायर किए गए एक आवेदन पर दिया है। इन लोगों ने अपने आवेदन में NFSA के तहत प्रवासी मजदूरों को राशन दिया जाना चाहिए, इसे लेकर बात कही थी।

हर प्यासे के पास कुआं पहुंचना भी जरूरी: SC

इससे पहले SC ने 17 अप्रैल को कहा था कि केंद्र और राज्य सरकारें केवल इस आधार पर प्रवासी श्रमिकों को राशन कार्ड देने से इनकार नहीं कर सकती हैं कि NFSA के तहत जनसंख्या अनुपात को ठीक से बनाया नहीं गया है।

शीर्ष अदालत ने कहा था कि कल्याणकारी राज्य में लोगों तक पहुंचना सरकार का कर्तव्य है। इस दौरान पीठ ने ये भी कहा, “हम यह नहीं कह रहे हैं कि सरकार अपना कर्तव्य निभाने में विफल रही है या कोई लापरवाही हुई है।

फिर भी यह मानते हुए कि कुछ लोग छूट गए हैं, केंद्र और राज्य सरकारों को यह देखना चाहिए कि उन्हें राशन कार्ड मिले।” साथ ही कहा गया कि सरकार का काम है कि योजना जरूरतमंदों तक पहुंचे और कभी-कभी कल्याणकारी राज्य में “हर प्यासे के पास कुआं पहुंचना भी जरूरी है”।

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